7th Pay Commission news: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ते में 4 फीसदी के इजाफे को मंजूरी दे दी है. अब कर्मचारियों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा. ये महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2024 से लागू होगा. मार्च के अंत में सैलरी से साथ इसे क्रेडिट किया जाएगा. कुल दो महीने का एरियर भी इसमें जुड़कर आएगा. ये लगातार चौथी बार है, जब महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा हुआ है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 12,868.72 रुपए का बोझ बढ़ेगा.

दिसंबर AICPI इंडेक्स से तय हुई दर

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केंद्रीय कर्मचारियों को अब 1 जनवरी 2024 से 50 फीसदी की दर से महंगाई भत्ते का भुगतान होगा. दिसंबर AICPI इंडेक्स के आंकड़ों से ये साफ हो गया है. हालांकि, दिसंबर में इंडेक्स का नंबर 0.3 अंक गिरकर 138.8 अंक पर रहा. लेकिन, इससे महंगाई भत्ते के आंकड़े में कोई खास फर्क नहीं आया. उम्मीद के मुताबिक, महंगाई भत्ता 50 फीसदी को पार कर गया. अब महंगाई भत्ता 50.28 फीसदी हुआ है. लेकिन, सरकार दशमलव 0.50 से नीचे हैं, इसलिए 50 फीसदी ही फाइनल होगा. इसमें 4 फीसदी का इजाफा होना तय है.

AICPI Index में क्या आया था बदलाव?

बढ़े हुए DA का कब से मिलेगा फायदा?

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई. सरकार ने मार्च में होली से पहले कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. कर्मचारियों को इसका फायदा 1 जनवरी 2024 से मिलेगा. मतलब नया महंगाई भत्ता 1 जनवरी से ही लागू होगा. इसके अलावा जनवरी फरवरी के एरियर के साथ मार्च की सैलरी में इसका भुगतान संभव है.

50 फीसदी के बाद 0 हो जाएगा DA

जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए मिलेगा. लेकिन, इसके बाद महंगाई भत्ते को जीरो कर दिया जाएगा. इसके बाद महंगाई भत्ते की गणना 0 से शुरू होगा. 50 फीसदी डीए को कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. मान लीजिए अगर किसी कर्मचारी के पे-बैंड के हिसाब से न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो 50 फीसदी का 9000 रुपए उसकी सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. 

जीरो क्यों किया जाएगा महंगाई भत्ता?

जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छटे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे.