Credit Card यूजर्स भूलकर भी न करें ये 7 काम, हो सकता है बड़ा नुकसान
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ रहा है तो निश्चित ही इसमें गलती की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं. अगर आप भी इस्तेमाल करते हैं तो जान लीजिए कौन-कौन से गलती भारी पड़ सकती है.
साल 2016 के बाद से देश में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक, अगस्त 2018 तक देश में करीब 4.1 करोड़ ऐक्टिव क्रेडिट कार्ड्स थे. अक्टूबर 2016 में यह आंकड़ा इसका करीब आधा 2.7 करोड़ था. अब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा 5 करोड़ के ऊपर निकल गया है. इस्तेमाल बढ़ रहा है तो निश्चित ही इसमें गलती की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं. अगर आप भी इस्तेमाल करते हैं तो जान लीजिए कौन-कौन से गलती भारी पड़ सकती है. क्रेडिट कार्ड को लेकर ये 7 गलतियां कभी नहीं करनी चाहिए...
1. भूलकर भी न शेयर करें कार्ड डीटेल्स
बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां कभी भी कार्ड डीटेल्स नहीं पूछते हैं. अगर कोई आपसे कार्ड डीटेल्स पूछे तो समझ लीजिए कि वह आपके फर्जीवाड़े का शिकार बनाना चाहता है. आपको पेट्रोल पंप या दूसरी जगह पर पेमेंट के लिए अपना कार्ड देते समय अलर्ट रहना चाहिए. कभी भी अपना क्रेडिट कार्ड पिन और दूसरी अहम जानकारियां किसी को न दें. अगर EDC (इलेक्ट्रॉनिक डेटा कैप्चर) मशीन नजर नहीं आ रही है तो अपना कार्ड किसी को न दें. पिन डालने से पहले हमेशा मशीन देखें कि कितने अमाउंट का आप भुगतान कर रहे हैं.
2. समय पर करें बिल का भुगतान
क्रेडिट कार्ड कंपनियां ऐसे ग्राहकों को पसंद करतीं हैं, जो समय पर बिल का भुगतान नहीं करते. ज्यादातर कंपनियां अपने ग्राहकों को ई-मेल, एसएमएस से रिमाइंडर भेजती हैं. ऐसे रिमांइडर को नजरअंदाज न करें. हमेशा तय बिल साइकिल पर भुगतान कर दें. पेमेंट नहीं करने पर बकाए पर ब्याज तो लगता ही है, जुर्माना भी देना पड़ता है. साथ ही अगले महीने की गई खरीदारी भी इंट्रेस्ट फ्री नहीं रह जाती है. सबकुछ चुकाने के बाद आपके क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री बिगड़ जाते हैं. इससे भविष्य में किसी तरह के लोन या दूसरा क्रेडिट कार्ड लेने का रास्ता बंद हो सकता है.
3. सिर्फ मिनिमम ड्यू पे करना
क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपसे खर्च और भुगतान करते रहने की उम्मीद करती हैं. अगर आप सिर्फ मिनिमम ड्यू पे करते हैं तो आपको बकाए रकम पर 2 से 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है. यह ब्याज दर सालना आधार पर 24 से 48 प्रतिशत तक हो जाता है. ध्यान दें, दूसरे किसी भी कर्ज पर इतना ब्याज नहीं देना पड़ता है. जब आपके कार्ड पर आउस्टैंडिंग बैलेंस रहता है तो अगली खरीद पर इंट्रेस्ट-फ्री पीरियड की सुविधा खत्म हो जाती है. आगे की खरीदारी पर पहले दिन से ब्याज जुड़ने लगता है और मोटा ब्याज चुकाना पड़ता है. पेमेंट करने की स्थिति नहीं हो तो EMI करवा लें. EMI पर आपको सालाना 15 से 18 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा.
4. भूलकर भी न निकालें कैश
क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना बहुत महंगा है. निकाली गई रकम पर 2.5 प्रतिशत चार्ज लगता है. इसके अलावा, 2 से 4 प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज भी देना पड़ता है. ब्याज उसी दिन से जुड़ता है. आपातकालीन स्थिति में ही पैसे निकालें. इमरजेंसी में पैसे निकालने पड़ें तो बार-बार नहीं निकालें क्योंकि आपको हर बार विदड्रॉल चार्ज देना पड़ेगा.
5. न करें क्रेडिट लिमिट खत्म
क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. क्योंकि, इससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है. एक साथ बड़ी रकम खर्च करने वालों को बैंक वित्तीय रूप से कमजोर मानता है और उनके डिफॉल्ट करने की संभावनाओं को भांप लेता है. सिर्फ एक कार्ड रखने की जगह दो-तीन कार्ड रखें. इससे मोटे खर्चे को बांटने में आसानी होगी.
6. रिवॉर्ड पॉइंट्स के लिए खर्चे करना
क्रेडिट कार्ड कंपनी आपसे ज्यादा खर्च कराने के लिए कई तरह के ऑफर लाती हैं. खासकर रिवॉर्ड प्वाइंट का लालच तो हर किसी को दिया जाता है. लेकिन, इन प्वाइंट्स को कमाने के लिए अधिक खर्च न करें. बजट के मुताबिक जरूरी खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें. हर साल, दो साल में रिवॉर्ड प्वाइंट्स का इस्तेमाल करें. अगर आपकी क्रेडिट कार्ड कंपनी अनुमति देती है तो इसका इस्तेमाल बिल पेमेंट में भी कर सकते हैं.
7. अचानक कार्ड क्लोज करवा देना
कई बार लोग दो कार्ड होने पर एक कार्ड बंद करा देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. दरअसल, इससे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बिगड़ता है. एक कार्ड क्लोज कराने से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाएगा. क्योंकि, जो रेश्यो पहले दो कार्ड में बंटा था, अब वो एक ही में होगा और दोगुना होगा. ऊंचा क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो से आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ता है. कार्ड का इस्तेमाल भले ही न करें, लेकिन उसे ऐक्टिव रखें.