₹4,20,000 का कुल निवेश और मिलेंगे 65 लाख रुपए! इसे कहते हैं SIP की ताकत...यकीन नहीं तो समझ लें कैलकुलेशन
4,20,000 रुपए का कुल निवेश 65 लाख रुपए में तब्दील हो सकता है, ये सुनकर थोड़ा अटपटा सा लगता है और कानों को यकीन नहीं होता. लेकिन SIP के जरिए ये मुमकिन है. हर महीने मामूली रकम इन्वेस्ट करके आप अपने लिए 65 लाख की रकम जोड़ सकते हैं.
4,20,000 रुपए के निवेश से 65 लाख रुपए जोड़ने की बात सुनकर यकीन नहीं होता क्योंकि इतना रिटर्न भी किसी स्कीम में मिल सकता है, इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता. लेकिन SIP के जरिए ये मुमकिन है. एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिलता है और इसका औसतन रिटर्न 12 फीसदी माना गया है जो किसी भी अन्य स्कीम के मुकाबले काफी अच्छा है. ऐसे में आप बहुत मामूली रकम की एसआईपी करके भी अपने भविष्य के लिए मोटा पैसा जोड़ सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह आप SIP के जरिए ₹4,20,000 के निवेश को 65 लाख रुपए में बदल सकते हैं.
ऐसे बनेंगे 4,20,000 रुपए से 65 लाख
SIP के जरिए मोटा मुनाफा कमाने के लिए आपको हर महीने 1000 रुपए का निवेश करना होगा. 1000 रुपए का अमाउंट इतना मामूली है कि 10,000 या 20,000 रुपए की साधारण सैलरी कमाने वाले भी इतना पैसा आसानी से बचा सकते हैं. इस इन्वेस्टमेंट को आपको लगातार 35 सालों तक जारी रखना होगा यानी 25 की उम्र से निवेश शुरू करके इसे 60 की उम्र तक जारी रखना होगा.
अगर आप हर महीने 1000 रुपए एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड्स में लगातार 35 सालों तक निवेश करते हैं, तो आप कुल 4,20,000 का निवेश करेंगे. लेकिन 35 सालों में 12 फीसदी के हिसाब से जो कंपाउंडिंग ब्याज होगा, वो 60,75,269 रुपए होगा. इस तरह 60वें साल पर आप निवेशित रकम और ब्याज की रकम को मिलाकर 64,95,269 रुपए (करीब 65 लाख रुपए) प्राप्त कर सकते हैं.
ध्यान रखें ये बात
एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है, जो कि मार्केट लिंक्ड है, लिहाजा ये जोखिम के अधीन है. मार्केट में गारंटीड रिटर्न नहीं होता. ऐसे में एसआईपी म्यूचुअल फंड्स में भी रिटर्न की गारंटी नहीं ली जा सकती. लेकिन ज्यादातर फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबे समय में एसआईपी का एवरेज रिटर्न 12 फीसदी तक मिल जाता है. कई बार ये 15 और 20 फीसदी भी मिलते देखा गया है. इतना रिटर्न किसी अन्य स्कीम के जरिए नहीं मिल पाता. यही वजह है कि मार्केट के जोखिम के बावजूद पिछले कुछ सालों में लोगों की दिलचस्पी एसआईपी में काफी बढ़ी है.