क्या आपने अपना आयकर रिटर्न फाइल कर दिया है? क्या आपने रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई किया है? अगर नहीं तो आप भी उन 2 करोड़ लोगों में शामिल हैं, जिनका इनकम टैक्स रिटर्न रद्द हो सकता है. दरअसल, असेस्टमेंट ईयर 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त थी.

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करीब 5.65 करोड़ लोगों ने 31 अगस्त तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किया है. लेकिन, फाइल करने के बाद सिर्फ 3.61 करोड़ लोगों ने ही ITR वेरीफाई किया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, 2 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने रिटर्न को वेरिफाई नहीं किया है. अगर इनकम टैक्स रिटर्न को वेरिफाई नहीं किया जाता तो आयकर विभाग उसे स्वीकार नहीं करेगा. 

क्या कहता है आयकर नियम?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद बिना वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को अधूरा माना जाता है. आईटीआर फाइल करने के 120 दिनों के अंदर उसका वेरिफिकेशन जरूरी होता है. अगर कोई ऐसा नहीं करता तो डिपार्टमेंट यह मानता है कि उस टैक्सपेयर ने ITR फाइल ही नहीं किया. हालांकि, रिटर्न भरने वालों को इनकम टैक्स विभाग समय-समय पर नोटिस जारी करता है. ई-वेरिफिकेशन के बाद आपका ITR प्रोसेस होता है और उसके बाद आपको रिफंड मिलता है. 

दो तरीकों से करें ई-वेरीफाई?

- आयकर रिटर्न को आधार OTP सर्विस से वेरिफाई किया जा सकता है. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आधार के जरिए ओटीपी भेजा जाता है. इस ओटीपी को इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर वेरिफाई कॉलम में डालकर वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा करना होता है.

- इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी आप ITR को ई-वेरीफाई कर सकते हैं. हालांकि, आपका बैंक यह सुविधा देता है या नहीं यह आपको चेक करना होगा. इंटरनेट-बैंकिंग के जरिये ITR के वेरिफिकेशन के लिए नेट बैंकिंग में लॉग इन करना होगा. यहां आपको ई-वेरिफिकेशन का टैब दिखाई देगा. इस पर क्लिक करते ही आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे. इसमें आप माय अकाउंट टैब पर क्लिक करें. यहां आपको जेनरेट ईवीसी का टैब दिखाई देगा. इस पर क्लिक करते ही आपके ईमेल और रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर 10 अंक का कोड आएगा. इस कोड को ईवीसी के ऑप्शन पर डालना होगा. यह कोड 72 घंटे तक वैध रहता है. इसके बाद इसे सबमिट करते ही ITR ई-वेरीफाई हो जाएगा.