Green Jobs: दुनियाभर में ग्रीन जॉब्स देने वाले देशों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन अभी तक पैदा की गई अधिकांश नौकरियां बहुत कम देशों तक सीमित है. हालांकि भारत इस मामले में कई सारे देशों से कहीं आगे है. 2020-21 में भारत ने कुल 8,63,000 ग्रीन जॉब्स को पैदा किया. इसमें से 2,17,000 सौर फोटोवोल्टिक वर्टिकल में और 4,14,000 जलविद्युत में थे. इंटरनेशनल रिन्यूबल एनर्जी एजेंसी और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की सालाना रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ये ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) होते क्या हैं और किन देशों ने इसमें सबसे अधिक रोजगार पैदा किया है. 

क्या होते हैं ग्रीन जॉब्स (Green Jobs)

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ग्रीन जॉब्स या हरित रोजगार उन क्षेत्रों के नौकरियों को कहते हैं, जो इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके काम से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े. जैसे हाइड्रोपावर, सोलर एनर्जी आदि क्षेत्रों में निकलने वाली नौकरियों को ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) की कैटेगरी में रखा जा सकता है. 

किन सेक्टर्स में है सबसे अधिक नौकरी

अगर सेक्टर्स की बात करें तो सोलर फोटोवेल्टेक (Solar Photovoltaic) वर्टिकल में सबसे अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है. इसके बाद विंड एनर्जी और हाइड्रोपावर का स्थान आता है. रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ भारत में 2021 में 2.17 लाख सोलर फोटोवेल्टेक नौकरियां और 4.14 लाख हाइड्रोपावर नौकरियों का सृजन हुआ था.

एशिया में है सबसे अधिक नौकरियां

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 में कुल 1 करोड़ 27 लाख ग्रीन जॉब्स मिली हैं. इसमें चीन में सबसे अधिक 53.68 लाख नौकरियां दी गई हैं. इसके बाद ब्राजील में 12.72 लाख और यूरोपीय यूनियन में 12.42 लाख ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) पैदा हुई हैं. हालांकि ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) पैदा करने के मामले में एशिया का वर्चस्व सबसे अधिक है. कुल ग्रीन जॉब्स का 63.6 फीसदी हिस्सा एशियन देशों से आता है.