देश में नौकरीपेशा लोगों में से ज्यादातर चाहते हैं कि यात्रा में लगने वाले समय को कामकाज के घंटे में शामिल किया जाए. आईडब्ल्यूजी ग्लोबल वर्कस्पेस के सर्वे में यह कहा गया है. कर्मचारियों को आकर्षित करने और प्रतिभा को जोड़े रखने के इरादे से भारत में 80 प्रतिशत कंपनियों ने कामकाज में लचीलापन लाया है. आईडब्ल्यूजी ने यह अध्ययन जारी किया जिसमें 80 से अधिक देशों में विभिन्न उद्योग में कार्यरत 15,000 पेशेवरों के विचार को शामिल किया गया है. 

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आईडब्ल्यूजी ने एक बयान में कहा, ‘‘दफ्तर जाने वालों में से 61 प्रतिशत मानते हैं कि कामकाज के घंटे में कार्य स्थल तक पहुंचने और वहां से घर तक पहुंचने में लगने वाले समय को भी शामिल किया जाए. साथ ही 41 प्रतिशत ने कहा कि कार्य स्थल पर जाना और वहां से घर आना कामकाजी दिवस का हिस्सा है और वे चाहते हैं कि यह कम-से-कम हो.’’ 

वैश्विक स्तर पर करीब 42 प्रतिशत पेशेवरों का मानना है कि कार्य घंटे में कार्य स्थल तक पहुंचने में लगने वाले समय को शामिल किया जाना चाहिए. आईडब्ल्यूजी के सीईओ और संस्थापक मार्क डिक्सन ने कहा कि कामकाज में लचीलापन को किसी भी उस कारोबार के लिये नया मानक माना जा रहा है जो उत्पादकता और प्रतिभा को बनाये रखने को लेकर गंभीर हैं.

सर्वे में कहा गया है कि जिन कंपनियों में सुविधानुसार मन मुताबिक जगह से काम करने की नीति नहीं है, उनको प्रतिभावान कर्मचारियों के कहीं और जाने का जोखिम है. इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 71 प्रतिशत तथा भारत में 81 प्रतिशत कंपनियां मानती हैं कि काम में लचीलापन से उन्हें प्रतिभा का दायरा बढ़ाने में मदद मिली है.