तेजी से प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ खामोश छंटनी यानी साइलेंट फायरिंग (Silent Firing) बढ़ी है. एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई. कंपनियां जब कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से उनकी भूमिका छोड़ने के लिए मजबूर करने की रणनीति अपनाती हैं, तो इसे खामोश छंटनी कहते हैं. कर्मचारी समाधान और मानव संसाधन सेवा प्रदाता जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 प्रतिशत नियोक्ता अनावश्यक पदों के लिए छंटनी को प्राथमिकता दे रहे हैं. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, खामोश छंटनी अक्सर तकनीकी उन्नति के साथ जुड़ी होती है, जिसमें नियोक्ता बदलते कार्यस्थल के साथ तालमेल बैठाने के लिए विभिन्न रणनीतियों को अपनाते हैं. जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 1,223 नियोक्ताओं और 1,069 कर्मचारियों से रायशुमारी की गई. 

साक्षात्कार में शामिल 79 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे तकनीकी बदलावों के अनुकूल अपने मौजूदा कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं. दूसरी ओर 10 प्रतिशत ने कहा कि वे अनावश्यक पदों के लिए छंटनी को प्राथमिकता देते हैं. इसमें कहा गया कि छह प्रतिशत नियोक्ता कम प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को अत्यधिक कार्यभार सौंपने की रणनीति अपनाते हैं, ताकि वे खुद काम छोड़ दें.