प्रमोशन में आरक्षण : राज्य कर्मचारियों के लिए किस तरह फायदेमंद होगा SC का फैसला : विशेषज्ञ
SC/ST को सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बुधवार को सुना दिया.
SC/ST को सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बुधवार को सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पदोन्नति में आरक्षण के लाभ का रास्ता खुला है. कोर्ट ने कहा कि नागराज वाले फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है. साथ ही एससी-एसटी का पिछड़ापन साबित करने की भी जरूरत नहीं है. कोर्ट ने आदेश में कहा कि किस पोस्ट पर प्रमोशन में रिजर्वेशन देना है, किसमें नहीं देना, इसका आधार सरकार तय करेगी. राज्य सरकारें प्रमोशन में रिजर्वेशन देते समय यह देखेंगी कि शासन संचालन पर उसका नकारात्मक असर तो नहीं पड़ रहा.
राज्य कर्मचारियों को जल्द मिल सकेगा प्रमोशन
विशेषज्ञों की राय में सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्य कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के प्रांतीय संप्रेक्षक आरके वर्मा ने कहा कि अब यह राज्यों के ऊपर है कि वह इस फैसले पर कैसे अमल करते हैं. इससे राज्य कर्मचारियों को बड़ा फायदा हुआ है. अगर ताजा फैसले पर राज्य सरकारें अमल करती हैं तो एससी/एसटी कर्मचारियों को प्रोन्नति जल्द मिल सकेगी. इससे उनका पद और वेतन दोनों बढ़ेंगे.
प्रतिनिधित्व वाला विषय राज्य पर छोड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रमोशन के लिए प्रतिनिधित्व वाला विषय राज्य पर छोड़ देना सही है यानी अब राज्य सरकार इसे तय करेगी लेकिन हर प्रमोशन के समय सरकार को यह देखना होगा कि पद की प्रशासनिक क्षमता को धयान में रखा जाए. कोर्ट ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू हो सकता है क्योंकि कोर्ट ने नागराज के फैसले में क्रीमी लेयर के बारे में दी गई व्यस्था को सही कहा है और कहा कि हम उसमें दखल नहीं देंगे.
क्रीमी लेयर के फैसले को ध्यान में रखना होगा
नागराज के पुराने फैसले में कहा गया था कि प्रमोशन में आरक्षण देते समय समानता के सिद्धांत को लागू करते हुए क्रीमी लेयर, अपर्याप्त प्रतिनिधित्व, 50% आरक्षण की सीमा, प्रसाशनिक क्षमता को ध्यान में रखना होगा. कोर्ट ने संविधान पीठ के नागराज मामले को 7 सदस्यीय पीठ के पास भेजने से भी इनकार कर दिया.