लॉकडाउन (Lockdown) में सरकार ने सोमवार, 20 अप्रैल से कुछ कामों को छूट देने का ऐलान किया है. इन छूटों में सबसे बड़ी राहत श्रमिक वर्ग को मिली है. सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा-MNREGA) के तहत होने वाले कामों को लॉकडाउन से छूट देने का फैसला किया है. 

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जिन इलाकों में कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Pandemic) के मामले नहीं आए हैं वहां, छूट के तहत महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विभिन्न विकास कार्य शुरू किए जाएंगे. 

मनरेगा के कामों को छूट मिलने से ग्रामीण इलाकों में बंद पड़े निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे और गांवों में रहने वाले श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. इससे श्रमिक वर्ग के लोग एक ही जगह रहेंगे. सरकार ने इस कदम से लॉकडाउन के दौरान अपने गांवों में वापस लौटे लाखों श्रमिकों को राहत मिलेगी.

इन कामों को करने की मंजूरी

मनरेगा के तहत सिंचाई और जल संरक्षण से जुड़े कामों की अनुमति दी जाएगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार ऐसे कार्य को अनुमति दी गई है, जिसमें 3-4 से अधिक लोगों के रोजगार की आवश्यकता नहीं होती है. इससे लगभग 5 करोड़ परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है.

सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

इस बीच श्रम मंत्रालय ने मजदूरों की शिकायतें दूर करने के लिए बीस कंट्रोल रूम बनाए हैं. गृह मंत्रालय के टॉल फ्री नंबरों से नागरिकों की शिकायतों का समाधान किया जा रहा है. ये नंबर  1 9 3 0 और 1 9 4 4 हैं.  इन कंट्रोल रूम के जरिए केवल केन्द्रीय योजनाओं से जुड़ी वेतन संबंधी तथा प्रवासी श्रमिकों (Migrant workers)से जुड़ी समस्याओं का समाधान ही किया जा रहा है. 

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100 दिन का काम

मनरेगा के तहत श्रमिकों को उनके ही गांव में एक साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाता है. 1 दिन के काम के एवज में श्रमिक को 202 रुपये मेहनताना दिया जाता है. देशभर में 7.6 करोड़ परिवार इस योजना से जुड़े हुए हैं.