पिछले साल नौकरियों में वृद्धि होने की बजाय 1.1 करोड़ लोगों की नौकरी जाने की खबरों को लेकर सरकार की आलोचना के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को रोजगार के आंकड़ों के सही संग्रह और कौशल विकास की जरूरत पर बल दिया. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के हालिया आंकड़े के मुताबिक 2018 में रोजगार के सृजन की बजाय 1.1 करोड़ लोगों की नौकरियां छूट गईं. रिपोर्ट में इसके लिए नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार ठहराया गया है.

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ये कारण गिनाए गए

रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर, 2016 में लागू नोटबंदी और जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू किये जाने से लाखों लघु उद्योग बंद हो गए, जिससे लोगों की नौकरियां चली गईं. गोयल ने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि उपलब्ध आंकड़ा सर्वग्राह्य नहीं है. इसमें बहुत से क्षेत्रों के आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया है. उनके मुताबिक इन आंकड़ों में ऐप आधारित टैक्सी सेवाएं दे रही कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे 10 लाख लोगों को काम पर लागाए हुए हैं.

 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (फाइल फोटो)

भविष्य की योजनाएं बनाने में न हो चूक

मंत्री ने कहा कि गलत और विलंबित आंकड़ों से भारी क्षति हो सकती है और इससे भविष्य की योजनाएं बनाने में चूक हो सकती है. गोयल ने कहा कि आंकड़ों के सही संग्रह के अलावा कौशल विकास सबसे अहम है. इसके लिए उन्होंने सिंगापुर और जर्मनी की तर्ज पर भारत में इसका ठोस मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया. गोयल ने पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और परिवहन जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. उनके मुताबिक इन क्षेत्रों में देश में बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन किया जा सकता है.

(इनपुट एजेंसी से)