SBI में नौकरी: 100 की जगह 75 लोगों को मिल रही है जगह, ये है वजह
SBI ने अगले पांच साल तक सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के स्थान पर केवल 75 प्रतिशत नये कर्मियों की नियुक्तियों का फैसला किया है.
बैंकों में टेक्नोलॉजी की बढ़ती पैठ को देखते हुए देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अगले पांच साल तक सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के स्थान पर केवल 75 प्रतिशत नये कर्मियों की नियुक्तियों का फैसला किया है. दूसरी ओर बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश में रोजगार की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उसे विभिन्न पदों के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार मिल जा रहे हैं. रेलवे की तरह ही भारतीय स्टेट बैंक को पिछले दो साल में लिपिक के 8,000 पदों के लिए 28 लाख लोगों के आवेदन मिले.
क्लर्क की नौकरी के लिए 80% एमबीए या इंजीनियरों ने किया आवेदन
वित्त वर्ष 2018 की शुरुआत में बैंक ने सेवानिवृत्त हो रहे 12,000 लोगों की जगह केवल 10,000 लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की. लिपिक के तौर पर सेवा से जु़ड़े करीब 80 प्रतिशत उम्मीदवार या तो एमबीए हैं या इंजीनियर. बैंक के उप प्रबंध निदेशक और कॉरपोरेट विकास अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत अच्छा है. लिपिक के स्तर पर हमें अच्छे लोग मिल रहे हैं, जो टेक्नोलॉजी और अन्य चीजों से अच्छी तरह अवगत हैं. कैरियर में प्रगति भी तेजी से हो रही है, लिपिक के रूप में सेवा से जुड़ने के बाद उनमें से अधिकतर अधिकारी के रूप में प्रोन्नति के लिए आंतरिक परीक्षाओं में शामिल होंगे.
टेक्नोलॉजी के कारण अपनी शाखाएं बंद कर रहे हैं विदेशी बैंक
उल्लेखनीय है कि पिछले साल रेलवे ने 90,000 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया था. इसके लिए उसे 2.3 करोड़ लोगों के आवेदन मिले थे. दुनियाभर में बैंक तकनीकी विकास को देखते हुए अपनी कार्यशैली में बदलाव कर रहे हैं. ब्रिटेन के प्रमुख एचएसबीसी ने देश में अपने नेटवर्क को आधा करने का फैसला किया हैं. वहीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने भी ऑटोमेशन को दखते हुए अपनी 200 शाखाओं को बंद कर दिया है.