झारखंड में डिप्टी कलेक्टर और DSP की बंपर भर्ती, JPSC ने निकाली 342 वैकेंसी, उम्र में मिली सात साल की छूट
JPSC Civil Service Vacancies: झारखंड लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें डिप्टी कैलेक्टर और डीएसपी की बंपर वैकेंसी है. यहां चेक करें नोटिफिकेशन.
JPSC Civil Service Vacancies: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने कुल 342 पदों पर वैकेंसी निकाली है. झारखंड लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस परीक्षा का विज्ञापन शनिवार को जारी कर दिया. इसमें सबसे अधिक 207 पद राज्य सिविल सर्विस में डिप्टी कलेक्टर के लिए थे. इसके अलावा डीएसपी और सेल्स टैक्स विभाग में भी बंपर वैकेंसी निकाली है. इसके अलावा आयु सीमा में सात साल की छूट दी गई है. न्यूनतम आयु सीमा 21 साल और अधिकतम आयु सीमा 35 साल निर्धारित की गई है.
JPSC Civil Service Vacancies: DSP की 35 पदों पर वैकेंसी, कर पदाधिकारी के 56 पद
झारखंड लोक सेवा आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक राज्य पुलिस में DSP के 35, सेल्स टैक्स विभाग में राज्य कर पदाधिकारी के 56 पद हैं. परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 1 फरवरी 2024 से शुरू होंगे. फॉर्म भरने की आखिरी डेट 29 फरवरी 2024 है. एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए अधिकतम उम्र की गणना 01 अगस्त 2017 और न्यूनतम उम्र की गणना 01 अगस्त 2024 से की जाएगी. इसके अलावा इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अवसर की कोई सीमा निर्धारित नहीं है.
JPSC Civil Service Vacancies: जानिए किस वैकेंसी में मिलेगी कितनी सैलेरी
- डिप्टी कैलेक्टर: 9300-34800, ग्रेड पे - 5400
- पुलिस उपाधीक्षक: 9300-34800, ग्रेड पे - 5400
- राज्य-कर पदाधिकारी 9300-34800, ग्रेड पे - 5400
- काराधीक्षक 9300-34800, ग्रेड पे - 5400
- प्रोबेशन पदाधिकारी 9300 -34800, ग्रेड पे-4800
JPSC Civil Service Vacancies: प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू के आधार पर होगा सिलेक्शन
झारखंड सिविल सर्विस परीक्षा में कैंडिडेट्स का चयन प्री,मेन्स और इंटरव्यू के आधार पर होगा. प्री परीक्षा से कुल पदों के 15 गुना कैंडिडेट्स का चयन मेन्स परीक्षा के लिए किया जाएगा. आखिरी मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए मेन्स एग्जाम में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा. एससी,एसटी और महिलाओं के लिए न्यूनतम अंक की अनिवार्यता 32 प्रतिशत,अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34 प्रतिशत,पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 प्रतिशत,आदिम जनजाति के लिए 30 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर के लिए 40 प्रतिशत निर्धारित की गई है.