How to get job under sports quota: खेल हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना अहम यह तो हम सभी जानते हैं. लेकिन अब खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरियों के दरवाजे भी पहले के अपेक्षा अधिक खुल रहे हैं. खेल में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सरकारी की ओर से नौकरियां दी जाती है. नौकरी के लिए उम्मीदवारों की मेरिट खेलों में उनकी सफलता के आधार पर तय की जाती है.

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आपने कई ऐसे क्रिकेटर या दूसरे खेल के खिलाड़ियों के बारे में सुना होगा कि वह आज एक अच्छे पोस्ट पर जॉब कर रहे हैं. साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को चैंपियन बनाने वाले जोगिंदर शर्मा हरियाणा पुलिस में डीसीपी के पद पर कार्यरत हैं. इसी तरह कई और खिलाड़ी हैं जो खेल छोड़ने के बाद अब सरकारी नौकरी के जरिए देश की सेवाएं कर रहे हैं.

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स्पोर्ट्स कोटा के तहत बैंकों में भी निकलती है नौकरियां

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक भी स्पोर्ट्स कोटा के तहत अपने यहां समय-समय पर भर्तियां निकालता रहता है. साल 2017 में भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नागपुर ऑफिस में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया था. रणजी और बाकी के टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन करने वाले कई ऐसे खिलाड़ी भी सरकारी नौकरी में शामिल हो जाते हैं जो एक समय के बाद खेल को छोड़ नौकरी करने का मन बना लेते हैं.

ऐसे होता है उम्मीदवारों का चयन

-स्पोर्ट्स ट्रायल

-मेडिकल टेस्ट,

-स्पोर्ट्स परफोर्मेंस के ट्रायल

-फिजिकल फिटनेस, इन्टरव्यू

-जनरल इंटेलिजेंस

-पर्सनालिटी टेस्ट

बैंक में मिलती है इस तरह की नौकरियां

-क्लर्क

-कार्यालय सहायक,

-परिचारक

-कनिष्ठ सहयोगी

-चपरासी

-विभिन्न अधिकारी (पीओ / एसओ)

-सलाहकार