TET: सरकार के एक फैसले से कैसे बढ़ेंगे रोजगार के अवसर?
देश के किसी भी राज्य में टीचर बनने के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य हैं.
देश के किसी भी राज्य में टीचर बनने के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य हैं. इस परीक्षा के पास करने के बाद आप देश में सरकारी टीचर की नौकरी पाने के लिए योग्य हो जाते हैं. कोरोना महामारी को देखते हुए हाल ही में सरकार ने एक अहम फैसला किया, जिससे अप्लीकेंट को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सरकार ने इस परीक्षा को पास करने के बाद नौकरी के लिए अप्लाई करने की समय सीमा अब तक केवल 7 वर्ष की थी, जिसे केंद्र सरकार ने आजीवन कर दिया है. साल 2011 के बाद से जारी हुए टीईटी प्रमाण पत्र की योग्यता अवधि अब जीवन भर रहेगी. सरकार का मकसद इस फैसले से रोजगार के अवसर बढ़ाना है. आइए जानते हैं कैसे बढ़ेंगे अवसर...
TET: रोजगार के बढ़ेंगे मौके
TET की परीक्षा के लिए हर साल देशभर में लाखों उम्मीदवार परीक्षा देते हैं. इसे पास करने के बाद अब तक उनके पास केवल 7 साल की जॉब सिक्योरिटी ही रहती थी. अब, सरकार ने नया नियम साल 2011 से लागू किया है, तो 2011, 2012 और 2013 में भी जिन स्टूडेंट्स ने एग्जाम क्वालीफाई किया था, उनके प्रमाण पत्र अब जीवनभर मान्य रहेंगे. इस तरह इस कदम से ऐसे लाखों युवा क्वालीफायर्स के लिए अच्छे रोजगार के दरवाजे खोल खुल गए हैं, जिनके टेस्ट की वैलेडिटी या तो खत्म हो चुकी है या खत्म होने वाली थी. यही नहीं, ये साल 2011 के बाद के हर एक क्वालीफायर को जॉब सिक्योरिटी मिलेगी, जिसके चलते वे अपने करियर को स्टैबल कर पाएंगे.
TET: बढ़ेगा कॉम्पिटीशन
केंद्र के इस फैसले के बाद उन लोगों का भी प्रोत्साहन बढ़ेगा, जो अब तक जॉब सिक्योरिटी की कमी के चलते इस फील्ड में नहीं उतर रहे थे. इस खबर के बाद बहुत से और युवा इसकी तरफ प्रोत्साहित होंगे, जितना प्रोत्साहन होगा, उतना ही कॉम्पिटीशन भी बढ़ेगा, और जितना कॉम्पिटीशन बढ़ेगा, उतना ही क्वालिटी क्वालीफायर्स सामने उभर कर आएंगे. इसलिए सरकार का ये कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली को बेहद मजबूत करने वाला साबित हो सकता है.
नई एजुकेशन पॉलिसी से बदलाव
TET सिस्टम और नियमावली में बदलाव की कवायद लंबे समय से चल रही थी. यह बदलाव नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के नए प्रावधानों के तहत किए गए हैं. इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में सीटेट के अलावा आयोजित होने वाली अन्य राज्य स्तरीय टीईटी परीक्षाओं में एकरूपता लाने का प्रयास किया जाएगा. TET की परीक्षा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली से पहले उनकी पात्रता तय करने के लिए ली जाती है.
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