घरेलू अर्थव्‍यवस्‍था के तेज रफ्तार पकड़ने की बदौलत आने वाले महीनों में भारत को 70 लाख से भी ज्‍यादा कुशल श्रम बल की आवश्‍यकता होगी. केन्‍द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्‍द्र नाथ पांडेय ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत की 62 प्रतिशत से भी अधिक आबादी युवा है और दुनिया की सर्वाधिक कुशल आबादी वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में भारत को भी शुमार करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का सपना है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सौंदर्य एवं वेलनेस व्‍यवसाय में ढेरों संभावनाएं

डॉ. पांडेय ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सौंदर्य एवं वेलनेस व्‍यवसाय में 80,000 करोड़ रुपये की बाजार संभावनाएं हैं और यह लाखों लोगों को रोजगार अवसर मुहैया करा सकता है, क्‍योंकि आधुनिक जमाने में प्रत्‍येक व्‍यक्ति की चाहत यही होती है कि उसका जीवन अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य एवं सौंदर्य से परिपूर्ण हो. उन्‍होंने कहा कि कौशल संबंधी आवश्‍यकता वाला यह पाठ्यक्रम महिला सशक्तिकरण का एक महत्‍वपूर्ण साधन है क्‍योंकि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थी ‘मुद्रा’ जैसे आसान ऋणों से लाभ उठाकर वेलनेस एवं सौंदर्य केन्‍द्र स्‍थापित कर सकते हैं .

देश भर में युवाओं को किया जा रहा प्रशिक्षित

डॉ. पांडेय ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) देश भर में ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई 2.0) 2016-20’ नाम से एक योजना कार्यान्वित कर रहा है, इस योजना का उद्देश्‍य 12,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ चार वर्षों (2016-2020) की अवधि के दौरान मध्‍य प्रदेश सहित देश भर में अल्‍पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी), पूर्व शिक्षण को मान्‍यता (आरपीएल) और विशेष परियोजना (एसपी) के तहत एक करोड़ लोगों को आवश्‍यक कौशल सुलभ कराना है. देश भर में इस योजना के तहत 12 जून, 2019 तक लगभग 52.12 लाख (31.08 लाख एसटीटी + 21.04 लाख आरपीएल) अभ्‍यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है.

देश भर में बनाए गए कौशल केंद्र

मंत्रालय ने देश भर के सभी जिलों में ‘प्रधानमंत्री कौशल केन्‍द्र (पीएमकेके)’ के नाम से आदर्श कौशल केन्‍द्रों (मॉडल स्किल सेंटर) को स्‍थापित करने की पहल भी की है. अब तक देश भर में 837 प्रधानमंत्री कौशल केन्‍द्र (पीएमकेके) आवंटित किए गए हैं जो 717 जिलों और 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करते हैं. आवंटित प्रधानमंत्री कौशल केन्‍द्रों में से 610 केन्‍द्रों की स्‍थापना पहले ही हो चुकी है.