सरकार नौकरीपेशा (Salaried Class) की सैलरी को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है. संगठित क्षेत्र के कामगारों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार ‘एक राष्ट्र, एक वेतन दिवस’ लागू करने पर विचार कर रही है. यानि पूरे देश में सभी कर्मचारियों को एक ही दिन सैलरी मिले.

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श्रम मंत्री (Labour Minister) संतोष गंगवार ने यहां सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री के ‘सिक्योरिटी लीडरशिप समिट-2019’ कार्यक्रम में कहा कि देशभर में हर महीने सभी लोगों को एक ही दिन वेतन मिलना चाहिए, ताकि लोगों को समय से वेतन का भुगतान हो सके. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही इस विधेयक के पास होने की उम्मीद है. इसी तरह हम विभिन्न क्षेत्रों में न्यूनतम वेतन (मिनिमम सैलरी) लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं जिससे श्रमिकों का आजीविका स्तर बेहतर हो सके.

केंद्र सरकार वेतन संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थिति (OSH) संहिता को लागू करने की प्रक्रिया में है. वेतन संहिता को पहले ही संसद की मंजूरी मिल चुकी है. 

OSH संहिता को लोकसभा में 23 जुलाई 2019 को पेश किया गया. यह संहिता सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाज के हालातों पर 13 केंद्रीय कानूनों को एक में ही समाहित कर देगी. ओएसएच संहिता में कई नयी पहल की गयी हैं. 

इनमें कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर नियुक्ति पत्र जारी करना, वार्षिक मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराना शामिल है. गंगवार ने कहा कि मोदी सरकार 2014 में जब से सत्ता में आयी है, श्रम कानूनों में सुधार के लिए लगातार काम कर ही है.