आर्थिक धीमापन के चलते दिग्गज कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही है या नई हायरिंग रोक रही हैं. इसमें अब सोशल मीडिया कंपनी मेटा (META) का नाम भी जुड़ गया है. फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा (META) जल्द ही बड़ी छंटनी करने वाली है. इसमें फेसबुक के करीब 12 हजार कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ सकती है. कंपनी की कुल कर्मचारियों में इनकी करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी है. यानी दिग्गज सोशल मीडिया में करीब 15 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.

पहले हायरिंग रोकी, अब छंटनी की तैयारी

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फेसबुक के CEO मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने इसी साल मई  में कहा था कि META के कुछ सेगमेंट में हायरिंग रोकने का ऐलान किया था. फिर जुलाई में उन्होंने कहा कि कंपनी अगले साल के लिए कर्मचारियों की संख्या को जस का तस रखने की योजना बना रही है. लेकिन इकोनॉमिक स्लोडाउन के चलते कंपनी को अब सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं. क्योंकि स्लोडाउन से डिजिटल एडवर्टाइजिंग बिजनेस पर बुरा असर पड़ा है. 

अमेरिका में 32000 टेकीज लंबी छुट्टी पर

हालांकि, कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि ऐसा दिखाया जा रहा है कि उन्हें छुट्टी पर भेजा जा रहा है. जबकि कर्मचारियों को परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान (PIP) पर रखा जाएगा. कर्मचारियों का यहां तक कहना है कि उन्हें कहीं और नौकरी करने को सोचना चाहिए. फेसबुक एंप्लॉई की एक पोस्ट के मुताबिक सच्चाई यह है कि हमें नौकरी छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. बता दें कि अमेरिका में जुलाई अंत तक करीब 32000 टेकीज (techies) को छुट्टी पर भेजा जा चुका है. 

META का शेयर 58 फीसदी टूटा

कमजोर कारोबारी प्रदर्शन का ही असर है कि META का शेयर लगातार कमजोर हुआ. इस साल शेयर करीब 60 फीसदी टूट चुका है. शेयर ने तेजी में भाव 380 डॉलर प्रति शेयर तक पहुंचा था, जो बुधवार को 138.98 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ. इसका असर मार्क जुकरबर्ग के नेटवर्थ पर भी पड़ा है. 2022 में उनकी नेटवर्थ 58 फीसदी घट गई. यानी नेटवर्थ में करीब 73.3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. इस समय मार्क जुकरबर्ग दुनिया के 23वें सबसे अमीर कारोबारी हैं. ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स के मुताबिक उनकी कुल नेटवर्थ 52.1 अरब डॉलर है.