जनवरी में मिली बंपर नौकरियां, 17 महीने में मिला सबसे ज्यादा रोजगार
employment: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने दिसंबर, 2018 के आंकड़ों को संशोधित किया है. संशोधित आंकड़े के अनुसार पिछले साल दिसंबर में 7.03 लाख रोजगार सृजित हुए जबकि पूर्व में इसके 7.16 लाख रोजगार सृजित होने की बात कही गई थी.
संगठित क्षेत्र में शुद्ध रूप से जनवरी महीने में कुल 8.96 लाख लोगों को रोजगार मिला. यह 17 महीने का उच्च स्तर है. ईपीएफओ के कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या और उन्हें दिये जाने वाले वेतन (पेरोल) के आंकड़े से यह पता चला है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अप्रैल, 2018 से ‘पेरोल’ आंकड़े जारी कर रहा है. इसमें सितंबर 2017 के आंकड़े को लिया गया था. जनवरी महीने में जो नए रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 प्रतिशत अधिक है. पिछले साल जनवरी में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 3.87 लाख बढ़ी थी.
संगठित क्षेत्र में कई रोजगार
सितंबर, 2017 में शुद्ध रूप से 2,75,609 रोजगार सृजित हुए थे. आंकड़ों के अनुसार ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सितंबर, 2017 से जनवरी 2019 के दौरान करीब 76.48 लाख नए अंशधारक जुड़े. यह बताता है कि पिछले 17 महीनों में संगठित क्षेत्र में कई रोजगार सृजित हुए. ईपीएफओ से जुड़े वाले अंशधारकों की संख्या जनवरी 2019 में 8,96,516 रही जो सितंबर, 2017 के बाद सर्वाधिक है.
दिसंबर 2018 के आंकड़ों में हुआ संशोधन
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने दिसंबर, 2018 के आंकड़ों को संशोधित किया है. संशोधित आंकड़े के अनुसार पिछले साल दिसंबर में 7.03 लाख रोजगार सृजित हुए जबकि पूर्व में इसके 7.16 लाख रोजगार सृजित होने की बात कही गई थी. ईपीएफओ ने सितंबर, 2017 से दिसंबर, 2018 की अवधि के दौरान संचयी आधार पर रोजगार के आंकड़े को भी संशोधित किया है. संशोधित आंकड़े के अनुसार इस दौरान 67.52 लाख रोजगार सृजित हुए जबकि पूर्व में इसके 72.32 लाख रहने का अनुमान
जताया गया
अलग-अलग आयु वर्ग में रोजगार
इस साल जनवरी के दौरान 2.44 लाख रोजगार 22 से 25 साल के आयु वर्ग में सृजित हुए. उसके बाद 18 से 21 साल के आयु वर्ग में 2.24 लाख रोजगार सृजित हुए. ईपीएफओ ने यह भी कहा कि आंकड़े अस्थायी हैं क्योंकि कर्मचारियों का रिकॉर्ड अपडेट करना एक सतत प्रक्रिया है और जरूरत के मुताबिक उसे आने वाले महीनों में संशोधन किया जाएगा. इस अनुमान में वे कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं जिनका योगदान पूरे वर्ष जारी नहीं रहे. अंशधारकों का आंकड़ा आधार से जुड़ा है.
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