कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के तहत सितंबर 2017 से अगस्त 2018 तक 1.45 करोड़ नए अंशधारक जुड़े हैं. सरकार ने संगठित क्षेत्र में रोजगार के आंकड़े गुरुवार को जारी किया. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय अप्रैल 2018 से संगठित क्षेत्र में रोजगार के आंकड़े जारी कर रहा है. मंत्रालय इसके लिये उन अंशधारकों की संख्या के बारे में सूचना का उपयोग करता है जिन्होंने तीन बड़ी योजनाओं-कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआईसी) तथा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) का लाभ लिया या उससे जुड़े.

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आंकड़ों के अनुसार ईपीएफ से जुड़ने वाले नए अंशधारकों की संख्या सितंबर 2017 से अगस्त 2018 के बीच 1,45,63,864 रही. इसके मुताबिक करीब 91 लाख कर्मचारी भविष्य निधि योजना के दायरे से बाहर हुए. हालांकि ईपीएफओ के दायरे से बाहर होने वाले करीब 18.55 लाख अंशधारक फिर से इस अवधि के दौरान योगदान देना शुरू किए. मंत्रालय के अनुसार सितंबर 2017 से अगस्त 2018 के बीच एनपीएस के तहत जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या 6,89,385 रही. 

सरकार मासिक आधार पर ईएसआईसी अंशधारकों की संख्या भी जारी करती है. एक खास ध्यान देने वाली बात है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के 50 प्रतिशत से अधिक अंशधारक ऐसे हैं जिनका KYC उनके सार्वभौमिक खाता संख्या (UAN) से जुड़ा नहीं हैं. इस वजह से ऐसे अंशधारक EPFO के ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. पिछले चार साल से KYC के लिए यह कवायद जारी है लेकिन यह आज भी लंबित है.

सरकार ने ईपीएफओ के दायरे में आने वाली कंपनियों और संस्थानों से पीएफ अंशधारकों को यूएएन और KYC के मिलान को 100 प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिया है. इसमें कहा गया है कि केवाईसी की सूचनाओं को UAN से जोड़ना अनिवार्य है और ऐसा न करना एक दंडनीय अपराध होगा.

(इनपुट एजेंसी से)