नए नियमों से कनाडा जाना हुआ आसान, इस बैकग्राउंड वालों के लिए हैं शानदार मौके
कनाडा अपने ग्लोबल टैलेंट स्ट्रीम (GTS) प्रोग्राम को एक स्थायी योजना में बदलने की तैयारी कर रहा है.
कनाडा अपने ग्लोबल टैलेंट स्ट्रीम (GTS) प्रोग्राम को एक स्थायी योजना में बदलने की तैयारी कर रहा है. जीटीएस के तहत कनाडा में बिना किसी परेशानी के काम करने की इजाजत दी जाता है और बेहतर अवसरों की तलाश कर रहे भारतीयों के लिए ये योजना बेहद फायदेमंद है. खासतौर से साइंस, टेक्नालॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) बैकग्राउंड वाले लोगों के लिए वहां रोजगार के शानदार मौके हैं. जीटीएस प्रोग्राम से अमेरिका में रह रहे एनआरआई को भी फायदा मिला है.
जीटीएस के तहत नियोक्ता के आवेदन पर दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर दी जाती है. इतनी ही नहीं जीटीएस के तहत कनाडा में काम करने वाले लोग स्थाई निवास के लिए एक्सप्रेस इंट्री रूट से आवेदन कर सकते हैं.
कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जीटीएस योजना के तहत 2018 में 41,000 भारतीयों को कनाडा में काम करने की इजाजत दी गई. ये आंकड़ा 2017 के 36,310 के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक है. जीटीएस कार्यक्रम से सबसे अधिक लाभ भारतीय नागरिकों को ही मिला है.
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शुरुआत में जीटीएस को सिर्फ दो साल के लिए लागू किया गया था, हालांकि इसे स्थायी बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. इस योजना से कनाडा में टेक इंडस्ट्री के विकास में काफी मदद मिली है. विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम की काफी तारीफ की है क्योंकि इससे कंपनियों को अलग-अलग क्षेत्र और अनुभव रखने वाली टीम बनाने में मदद मिली है.