विदेश में पढ़ाना या डॉक्टरी करना चाहते हैं तो सरकार दिलाएगी प्रोफेशनल डिग्री, बजट में हुआ अलोकेशन
अगर आप विदेश में जाकर पढ़ाना (Teaching) या डॉक्टरी (Doctor) करना चाहते हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) ने संसद में शनिवार को पेश बजट 2020 (Budget 2020, #BudgetOnZee) में Skill डेवलपमेंट पर खास फोकस किया है.
अगर आप विदेश में जाकर पढ़ाना (Teaching) या डॉक्टरी (Doctor) करना चाहते हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) ने संसद में शनिवार को पेश बजट 2020 (Budget 2020, #BudgetOnZee) में Skill डेवलपमेंट पर खास फोकस किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में Skill Development के लिए 3000 करोड़ रुपये का अलोकेशन किया है.
वित्तमंत्री ने कहा, "2030 तक भारत विश्वभर में सबसे अधिक कार्यशील जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. ऐसे में लोगों के लिए साक्षरता के साथ-साथ रोजगार और जीवन कौशल की जरूरत है. बजट के मुख्य बिंदुओं में एक ऐसे महत्वाकांक्षी भारत की जरूरतों को पूरा करने पर जोर दिया गया है, जहां समाज के सभी हिस्सों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा बेहतर रोजगार तक पहुंच के साथ-साथ बेहतर जीवन स्तर मिले."
निर्मला सीतारमण ने कहा, "विदेश में शिक्षक (Teacher), नर्स (Nurse), अर्ध-चिकित्सा (Para Medical) कर्मचारियों और देखभाल करने वालों की अत्यधिक मांग है. इसलिए व्यावसायिक संस्थाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विशेष सेतु पाठ्यक्रम तैयार किए जा सकते हैं."
वित्तमंत्री ने कहा कि यह पाठ्यक्रम इस प्रकार से सुनियोजित होने चाहिए, जिससे कि वे दूसरे देशों के नियोक्ताओं के साथ-साथ वहां की भाषा के भी अनुकूल हों. सीतारमण ने कहा कि मार्च 2020-21 तक 150 उच्चतर शैक्षिक संस्थान अप्रेंटिसशिप इम्बेडेड डिग्री/डिप्लोमा शुरू करेंगे. इससे सामान्य तौर पर (सेवा क्षेत्र अथवा प्रौद्योगिकी क्षेत्र) छात्रों की नियोजनीयता में सुधार लाने में मदद मिलेगी.
सरकार एक कार्यक्रम भी शुरू करेगी, जिसके द्वारा देशभर के शहरी स्थानीय निकाय नए इंजीनियरों को अधिकतम एक वर्ष की अवधि तक इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगे. वित्तमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी केंद्रित कौशल विकास के अवसरों पर विशेष जोर देगी.
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अच्छे डॉक्टरों की जरूरत को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के प्रारूप में मौजूदा जिला अस्पतालों को एक चिकित्सा महाविद्यालय के साथ जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है.
कार्यक्रम को लागू करने में संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए राज्यों को धन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे चिकित्सा महाविद्यालय को अस्पताल की सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही रियायती मूल्य की भूमि उपलब्ध कराई जाएगी. इन तमाम प्रबंधनों के दौरान कौशल विकास के माध्यम से विकसित किया गया कार्यक्रम उपयोगी साबित होगा.