BSNL से करीब 45 हजार कर्मचारियों की छंटनी की खबरों के बीच कंपनी की कर्मचारी यूनियन ने तीसरे पे रिवीजन की मांग की है. उनका कहना है कि दूरसंचार विभाग को अन्‍य मांगों के साथ इस डिमांड को भी पूरा करना होगा. यूनियन ने कहा है कि सरकार को सैलरी में 15% फिटमेंट देना होगा. 

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मार्च निकालकर किया प्रोटेस्‍ट

बिजनेस स्‍टैंडर्ड की खबर के मुताबिक डिजिटल कम्‍युनिकेशंस कमिशन ने अभी कंपनी से छंटनी के प्रस्‍ताव को मंजूरी नहीं दी है. यूनियन ने अपनी मांग के समर्थन में लगातार 3 दिन, 5 से 7 अप्रैल के बीच BSNL दफ्तर से दूरसंचार विभाग तक मार्च भी निकाला. 

मीडिया में खबरें लीक की जा रहीं

इस बीच ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) ने आरोप लगाया कि भारत संचार निगम लिमिटेड को 'सोची-समझी रणनीति' के तहत बंद करने के प्रयास किये जा रहे हैं और उसकी आर्थिक सेहत को लेकर बदतर तस्वीर पेश की जा रही है. ट्रेड यूनियन ने एक बयान में कहा कि मीडिया में जानबूझकर चीजों को इस तरह लीक किया जा रहा जिससे कंपनी की खराब तस्वीर पेश हो. 

VRS नहीं है समस्‍या का इलाज

यूनियन ने कहा है कि BSNL पिछले दो महीनों से कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है. ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है कि कंपनी के अधिक कर्मचारी ही उसके लिए सबसे बड़ी दिक्कत हैं और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS), अनिवार्य सेवानिवृत्ति योजना (CRS) एवं सेवानिवृत्ति की आयु घटाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है.