कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार से लेकर समाज का हर वर्ग अपने-अपने स्तर से मदद कर रहा है. लॉकडाउन (lockdown) के चलते तमाम काम-धंधे बंद हैं,  जिसके चलते आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन में जहां सरकार गरीब और मजदूर वर्ग के लिए आर्थिक मदद से लेकर खाने-पीने का सामान जुटा रही है, वहीं सामाजिक संगठन से लेकर आम आदमी तक अपनी क्षमता के मुताबिक प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दान कर रहे हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक संकट को देखते हुए इस बार जनप्रतिनिधियों को मार्च महीने का वेतन नहीं देने का ऐलान किया है. राज्य सरकार की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि देश में लॉकडाउन के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों को सैलरी कटौती का हुक्म दिया है. यह कटौती अगल-अलग वर्ग के कर्मचारियों में 10 फीसदी से 100 फीसदी तक की गई है.

जैसे- मुख्यमंत्री , राज्य के सभी मंत्री, विधायक, विधान परिषद के सदस्य, निगम सदस्यों, स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन में 100 फीसदी की कटौती की गई है. 

आईएएस अधिकारियों और वर्ग-3 के कर्मचारियों के वेतन में से 50 से 60 फीसदी की कटौती होगी. क्लास-4 के कर्मचारियों के वेतन में केवल 10 फीसदी की कटौती की गई है. 

महाराष्ट्र के विधायकों की सैलरी में 60 फीसदी की कटौती

महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री समेत राज्य में जनप्रतिनिधियों के इस महीने के वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती की जायेगी. मंत्रियों और विधायकों के साथ राज्य के कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की जाएगी. 

उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार (Finance minister Ajit Pawar) ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कर्मचारियों की विभिन यूनियनों से विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

तेलंगाना में 75 फीसदी तक की कटौती

तेलंगाना सरकार (Telangana government) ने भी अपने राज्य के कर्मचारियों के वेतन में से 10 से 75 फीसदी तक की कटौती की है. इनमें मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक भी शामिल हैं.