8वां वेतन आयोग कब से लागू होगा, क्या है वो नया फॉर्मूला जिससे तय होगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी?
8th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग की अपनी सिफारिश में जस्टिस माथुर ने कहा था कि हम पे स्ट्रक्चर को Aykroyd फॉर्मूले के तहत तय करना चाहते हैं. इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को भी ध्यान में रखा जाता है.
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लगातार अच्छी खबरें आ रही है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं. उस बात को अब 5 साल बीत चुके हैं. अब चर्चा है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन हो सकता है. लेकिन, यह गठन कब होगा इसका किसी को अंदाजा नहीं. वहीं, इससे अलग दो बातें चर्चा में हैं. पहला- अब कोई नया वेतन आयोग का गठन नहीं होगा. दूसरा- नए फॉर्मूले से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर साल तय होगी.
हालांकि, इन दोनों ही मसलों पर सरकार की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है. जानकारों का मानना है कि अब वक्त है जब वेतन आयोग से अलग फॉर्मूले पर विचार होना चाहिए. कॉस्ट ऑफ लिविंग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में उसे ध्यान में रखते हुए हर साल कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करना ज्यादा बेहतर है.
क्या है वो नया फॉर्मूला जिसकी चर्चा है?
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे को लेकर जिस नए फॉर्मूले की चर्चा है वो Aykroyd फॉर्मूला है. इस फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई, कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा. इन सब चीजों के आंकलन के बाद ही सैलरी में इजाफा होगा. इससे सभी वर्ग के कर्मचारियों को फायदा होता दिखेगा. हालांकि, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर कोई विचार नहीं हुआ है. 8वां वेतन आयोग भी कब आएगा इसकी भी कोई सुगबुगाहट नहीं है.
7वें वेतन आयोग भी हो चुकी है चर्चा
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की अपनी सिफारिश में जस्टिस माथुर ने कहा था कि हम पे स्ट्रक्चर को Aykroyd फॉर्मूले के तहत तय करना चाहते हैं. इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को भी ध्यान में रखा जाता है. यह फॉर्मूला वॉलेस रुडेल आयकरॉयड ने दिया था. उनका मानना था कि आम आदमी के लिए दो अहम चीजें हैं, भोजन और कपड़ा. इनकी कीमतों के बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा होना चाहिए.
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए किए गए थे. जस्टिस माथुर ने सिफारिश में कहा था कि सरकार को प्राइस इंडेक्स के मुताबिक हर साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा करनी चाहिए. हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर भी किसी तरह की चर्चा नहीं है.