केंद्रीय कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के तहत न्‍यूनतम बेसिक पे 18000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन राज्‍य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme, OPS) की बहाली की मांग ज्‍यादा तेज कर दी है. यूपी समेत 3 राज्‍यों में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जोरदार प्रोटेस्‍ट चल रहा है. कर्मचारियों को उम्‍मीद है कि सरकार उनकी मांग पर ध्‍यान देगी और ओपीएस को फिर से लागू करेगी. ओपीएस को पहली अप्रैल 2004 से लागू कर दिया गया था. इसके बाद नई पेंशन योजना (New Pension Scheme, NPS) लागू हुई. हालांकि कर्मचारी इससे संतुष्‍ट नहीं हैं. वे पुरानी पेंशन योजना को ज्‍यादा हितकारी और दीर्घकालिक मानते हैं. आइए जानते हैं पुरानी पेंशन योजना के 3 फायदे : 

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पुरानी पेंशन के 3 बड़े फायदे

1- OPS वह पेंशन योजना थी जिसमें पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती थी.

2- OPS में महंगाई दर बढ़ने के साथ डीए (महंगाई भत्‍ता) भी बढ़ जाता था.

3- जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है.

क्‍या है एनपीएस में

कई राज्‍यों में पहली अप्रैल 2004 से नई पेंशन योजना (NPS) लागू की गई है. NPS में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पुराने कर्मचारियों की तरह पेंशन व पारिवारिक पेंशन के घोषित लाभ नहीं मिलेंगे.

इस योजना में नए कर्मचारियों से वेतन और महंगाई भत्ते का 10% अंशदान लिया जाता है. इतना ही अंशदान सेवायोजक यानी राज्‍य या केंद्र सरकार अथवा संबंधित स्वायत्तशासी संस्थानिजी शिक्षण संस्था को करना होता है.

2004 में लागू हुई नई योजना

केन्द्र सरकार ने वर्ष 2004 में नई पेंशन योजना लागू की थी. इसके तहत नई पेंशन योजना के फंड के लिए अलग से खाते खुलवाए गए और फंड के निवेश के लिए फण्ड मैनेजर भी नियुक्त किए गए थे. यदि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न अच्‍छा रहा तो प्रॉविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय भविष्य में अच्छी धनराशि भी मिल सकती है. लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न बेहतर ही होगा, यह कैसे संभव है. इसलिए वे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं.