7वां वेतन आयोग, त्रिपुरा सरकार ने हाल में अपने कर्मचारियों के लिए 7वां वेतन आयोग लागू करने की सिफारिश की है. सरकार का दावा है कि वेतन बढ़ोतरी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर होगी. अगर ऐसा होता है हो तो त्रिपुरा पहला ऐसा राज्‍य बन सकता है जहां के कर्मचारी केंद्र में तैनात अपने स्‍तर के कर्मी के बराबर वेतन पाएंगे. ऐसी व्‍यवस्‍था अन्‍य किसी राज्‍य में अभी तक नहीं है.

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कर्मचारी नेता बताते हैं कि राज्‍य और केंद्र में नियुक्‍त एक ही कैडर के कर्मचारी की सैलरी में करीब 4 से 5 हजार का अंतर आता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि केंद्र में कर्मचारी को मिलने वाला एचआरए (HRA) और ट्रैवेल अलाउंस (TA) राज्‍य से अलग होता है. हालांकि 7वें वेतन आयोग में दोनों स्‍तर के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी एक रखने का फैसला हुआ था. लेकिन भत्‍तों में फर्क के कारण वेतन में 5 हजार रुपए तक का अंतर हो जाता है. 

राज्‍य कर्मचारियों का भत्‍ता अलग

इलाहाबाद (यूपी) स्थित एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरीशंकर तिवारी ने बताया कि राज्‍य सरकार में कर्मचारी को टीए की जगह दूसरा भत्‍ता मिलता है. उनका एचआरए भी केंद्र से कम होता है. इसलिए कैडर बढ़ने के साथ ही सैलरी का अंतर भी बढ़ता जाता है.

विपक्ष बोला-सरकार कर रही चीटिंग

त्रिपुरा में राज्‍य कर्मचारियों के लिए इसलिए भी वेतन बढ़ने की खुशी बड़ी है क्‍योंकि वहां छठा वेतनमान भी लागू नहीं हुआ था. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि वह 7वां वेतन आयोग लागू करेगी. चुनाव बाद राज्‍य में बीजेपी सरकार बनने के बाद उसने कर्मचारियों को नई सौगात दी. हालांकि विपक्षी दल सीपीएम (CPM) का कहना है कि राज्‍य सरकार ने कर्मचारियों को यह कहकर छला है कि उन्‍हें केंद्र के बराबर वेतन मिलेगा. उनका वेतन केंद्र के बराबर नहीं हो सकता. सीपीएम नेता व पूर्व वित्‍त मंत्री भानुलाल साहा ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को चीट कर रही है.

7वें वेतन आयोग के बाद बढ़ गया अंतर 

राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद उत्‍तर प्रदेश के प्रांतीय संप्रेक्षक आरके वर्मा की माने तो 7वां वेतन आयोग जब से उत्‍तर प्रदेश (UP) में लागू हुआ है तब से निचले स्‍तर के कर्मचारियों के वेतन में 3 से 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी हई है. वहीं मिडल स्‍तर के कर्मचारियों की 4 से 6 हजार रुपए तक सैलरी बढ़ी लेकिन सबसे ज्‍यादा फायदा लेवल 9 के ऊपर के अफसरों के वेतन में हुआ है. उन्‍हें 3 से 4 गुना तक बढ़ोतरी हुई है. यानि इससे निचले स्‍तर और उच्‍च स्‍तर के अधिकारियों की सैलरी में अंतर काफी बढ़ गया है.