7th pay commission : यूपी सरकार अपने कर्मचारियों के लिए 7वां वेतन आयोग पहले ही लागू कर चुकी है. लेकिन राज्‍य के लाखों कर्मचारी सरकार से उस पुरानी पेंशन व्‍यवस्‍था को लागू करने की मांग कर रहे हैं जिसे 2005 में खत्‍म कर दिया गया था. बाद में नई पेंशन योजना शुरू कर दी गई. यूपी के लाखों कर्मचारियों ने सरकार से कई दौर की वार्ता विफल रहेने के बाद प्रदेश व्‍यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. 

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15 जिलों में जाएगी चेतना रथ यात्रा

संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के बैनर तले सरकारी कर्मचारी 29 अक्‍टूबर 2018 से 'पुरानी पेंशन बचाओ-चेतना रथ यात्रा' निकाल रहे हैं. यह यात्रा 3 चरणों में 14 दिसंबर 2018 तक चलेगी.

20 दिसंबर को लखनऊ में विशाल जनसभा होगी

एस 4 के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी ने जी बिजनेस डिजिटल को बताया कि सरकार उनकी मांग अनसुना कर रही है. इसलिए वह यह यात्रा निकाल रहे हैं. यह रथ यात्रा यूपी के 15 जिलों में जाएगी और जिला मुख्‍यालयों में प्रदर्शन करेगी. इसके बाद 14 दिसंबर को यह यात्रा लखनऊ लौटेगी और अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो फिर 20 दिसंबर 2018 को लाखों कर्मचारी यूपी की राजधानी लखनऊ में विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे. संगठन के पदाधिकारी आरके वर्मा के मुताबिक एस4 से लगभए एक दर्जन कर्मचारी संगठन जुड़े हैं. 

सरकार ने दिया था वेतन काटने का निर्देश

एक अन्‍य संगठन पुरानी पेंशन बहाली मंच के आह्वान पर सरकारी कर्मचारियों ने 25 अक्‍टूबर से 27 अक्‍टूबर तक 3 दिन की हड़ताल का ऐलान किया था. इस पर सरकार ने निर्देश जारी किया था कि जो कर्मचारी इसमें हिस्‍सा लेंगे या किसी और वजह से काम से अनु‍पस्थित रहेंगे, उनका वेतन काट लिया जाएगा. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के मुख्‍य सचिव ने हड़ताल तोड़ने के लिए सभी आला अफसरों को जरूरी निर्देश दिए थे. उन्‍होंने साफ किया था कि हड़ताल के 3 दिन 'नो वर्क-नो पे' की नीति लागू रहेगी.

छूटे कर्मचारियों का रजिस्‍ट्रेशन कराएं

मुख्‍य सचिव ने अफसरों से यह भी कहा था कि वे नई पेंशन योजना से छूटे कर्मचारियों को कैंप लगाकर पुरानी पर्मानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर रजिस्‍ट्रेशन कराएं.