7वें वेतन आयोग से इतर पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की मांग पर यूपी के लाखों राज्‍य कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. उनकी तैयारी 21 जनवरी से जेल भरो आंदोलन शुरू करने की है. इस बीच, कर्मचारियों का एक दल गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिला है और उन्‍हें अपनी मांग के बारे में बताया है. गृह मंत्री ने कहा कि वह इस बारे में पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ से बातचीत करेंगे ताकि समस्‍या का जल्‍द हल निकल सके.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कर्मचारी और शिक्षक नेता मिले राजनाथ से

संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति, यूपी (S4) के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी ने गृह मंत्री को कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग के बारे में बताया. उन्‍होंने गृह मंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा कि पुरानी पेंशन की मांग में कर्मचारियों के साथ यूपी के लाखों शिक्षक भी शामिल हैं. सरकार को इस मांग को हर हाल में स्‍वीकार करना होगा. तिवारी ने गृह मंत्री को संगठन के आगामी जेल भरो आंदोलन के बारे में भी बताया. संगठन के महासचिव आरके निगम ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक संघ के अध्‍यक्ष व एस4 के प्रदेश संयोजन सुशील कुमार भी शामिल थे.

गृह मंत्री के आश्‍वासन से कर्मचारी संतुष्‍ट

एस4 के सह संयोजक (वित्‍त) आरके वर्मा ने बताया कि गृह मंत्री से मुलाकात काफी संतोषजनक रही है. अगर दिल्‍ली सरकार ओपीएस लागू करने को तैयार है तो यूपी में भी यह संभव है. 

लोकसभा चुनाव से पहले लागू कराना चाहते हैं ओपीएस

कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि वे 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी हाल में पुरानी पेंशन व्‍यवस्‍था को लागू कराने की कोशिश करेंगे. इस मांग को मनवाने के लिए लाखों कर्मचारी पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम तक संदेश भेजेंगे. इसके बाद भी ओपीएस लागू नहीं हुआ तो फिर 21 जनवरी से 5 फरवरी 2019 के बीच सरकारी कर्मचारी गिरफ्तारी देंगे और जेल भरो आंदोलन का रास्‍ता अख्तियार करेंगे. इस आंदोलन में सरकारी कर्मचारी के साथ शिक्षक वर्ग भी शामिल है.

20 दिसंबर को हुई थी बड़ी रैली

OPS लागू करने की मांग को लेकर 20 दिसंबर 2018 को यूपी की राजधानी लखनऊ में 1 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने विशाल रैली निकली थी. इस रैली में यूपी के तमाम जिलों से कर्मचारी व शिक्षक रैली में भाग लेने के लिए पहुंचे. उनकी मांग है कि यूपी सरकार को प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू कर देनी चाहिए. इससे न सिर्फ 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों का भला होगा बल्कि उनके आश्रित को भी पेंशनर की मृत्‍युपरांत लाभ मिलेंगे.