हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. 1 अगस्त से इन कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से संशोधित किराया भत्ता यानी HRA मिलेगा. हरियाणा सरकार ने पहले ही इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था. अब यह राज्य में लागू कर दिया गया है. सरकार के इस ऐलान से राज्य के करीब साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारियों को बढ़े HRA का फायदा मिलेगा. 

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6 हजार रुपए तक होगा फायदा

राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा, कर्मचारियों को शहरों की आबादी के मुताबिक बेसिक सैलरी का 8, 16 और 24 फीसदी किराया भत्ता दिया जाएगा. सरकार ने आबादी के हिसाब से एचआरए की न्यूनतम राशि भी तय की है. हालांकि, इससे सरकारी खजाने पर 1,920 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. साल 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य के अलग-अलग शहरों और कस्बों में तैनात राज्य सरकार के कर्मचारियों को संशोधित मकान किराया भत्ता दिया जाएगा. इस बदलाव के बाद कर्मचारियों और अधिकारियों को 1190 रुपए से लेकर 6 हजार रुपए तक का फायदा होगा. 

ऐसे समझें HRA का गणित

नए बदलाव के तहत 50 लाख या इससे ज्यादा आबादी वाले शहरों को एक्स श्रेणी में रखा गया है. ऐसे शहरों में काम करने वाले कर्मचारियों को 24 प्रतिशत यानी न्यूनतम 5400 रुपए एचआरए दिया जाएगा. इसी तरह 5 लाख से ज्यादा और 50 लाख से कम आबादी वाले शहरों को वाई श्रेणी में रखा गया है. ऐसे शहरों में तैनात कर्मचारियों को 16 प्रतिशत यानी न्यूनतम 3600 रुपए HRA दिया जाएगा.

चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली एक यूनिट होंगी

तीसरी और अंतिम श्रेणी जेड है, इसमें 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को कवर किया जाएगा. इन शहरों में पोस्टेड राज्य सरकार के कर्मचारियों को 8 प्रतिशत यानी न्यूनतम 1800 रुपए एचआरए दिया जाएगा. ट्राइसिटी चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली को एक यूनिट माना गया है और इन्हें वाई श्रेणी में रखा गया है. HRA में बदलाव से राज्य सरकार पर हर साल 1920 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा.

सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव सुभाष लांबा का कहना है कि संशोधित एचआरए को जनवरी 2016 से लागू किया जाना चाहिए. सरकार ने 1 अगस्त से बढ़ा हुआ एचआरए देने का फैसला किया है. इस तरह सरकार 43 महीने के 6808 करोड़ रुपए का एरियर दबा गई.