7वां वेतन आयोग : आपकी लोकेशन के हिसाब से 2 हजार रुपए तक बढ़ सकती है सैलरी, यह है पैमाना
केंद्र सरकार ने अपने 52 लाख से अधिक कर्मचारियों के HRA में रिवीजन को हरी झंडी दिखा दी है. इसके साथ ही हरियाणा में भी राज्य कर्मचारियों का HRA बढ़ गया है.
केंद्र सरकार ने अपने 52 लाख से अधिक कर्मचारियों के HRA में रिवीजन को हरी झंडी दिखा दी है. इसके साथ ही हरियाणा में भी राज्य कर्मचारियों का HRA बढ़ गया है. ऐसा उनके शहर की आबादी के अपग्रेड होने से संभव हुआ है. इससे अपग्रेड होने वाले शहर के हरेक इम्प्लाई की सैलरी में 800 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी. मसलन हरियाणा में चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली को आबादी बढ़ने पर अपग्रेड किया गया है. यहां के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ जाएगी.
क्या है हरियाणा सरकार का ऑर्डर
हरियाणा सरकार ने 7th pay commission के मुताबिक नया मकान किराया भत्ता (HRA) 1 अगस्त 2019 से लागू किया है. इसके मुताबिक, वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, अलग-अलग शहरों और कस्बों में तैनात राज्य सरकार के कर्मचारियों को नया यानी संशोधित HRA दिया जाएगा. इससे कर्मचारियों की सैलरी में 800 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी.
क्या है कर्मचारियों की डिमांड
आल इम्प्लाइज यूनियन की डिमांड है कि केंद्र सरकार को किराए में जुलाई 2017 से बढ़ोतरी करनी चाहिए. सरकार के ऑर्डर में कहा गया है कि HRA बढ़ोतरी 1 अगस्त 2019 से लागू होगी. यूनियन के मुताबिक HRA को जुलाई 2017 से लागू न करने से कर्मचारियों को 24 महीने का एरियर नहीं मिल पाएगा.
UP में अभी नहीं हुई बढ़ोतरी
संयुक्त संघर्ष संचालन समिति, UP के महामंत्री आरके निगम का कहना है कि केंद्र में तो इसे लागू भी कर दिया गया पर राज्यों का क्या? सरकार जिस दिन नए HRA का आदेश जारी करेगी, वह उसी डेट से लागू होगा. इससे कर्मचारियों को बीत चुके महीनों का एरियर नहीं मिल पाएगा. अगर यूपी में भी नया HRA लागू होता है तो इससे 1 कर्मचारी की सैलरी में 800 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी. लेकिन सरकार को इसे जुलाई 2017 से लागू करना चाहिए.
क्या है कैटेगराइजेशन
7वें वेतन आयोग में HRA के लिए 3 कैटेगरी बनाई गई हैं. इनमें 50 लाख या इससे अधिक आबादी वाले शहरों को X कैटेगरी में रखा गया है. इन शहरों में काम कर रहे कर्मचारियों 24 प्रतिशत या न्यूनतम 5400 रुपये HRA मिलता है. 5 से 50 लाख से कम आबादी वाले शहर जिन्हें Y कैटेगरी में रखा गया है, में काम कर रहे कर्मचारियों को 16 प्रतिशत या न्यूनतम 3600 रुपये HRA मिलता है. जबकि 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को Z कैटेगरी में रखा गया है. यहां कर्मचारियों को 8 प्रतिशत या न्यूनतम 1800 रुपये HRA मिलता है.