7वां वेतन आयोग : निठल्ले कर्मचारियों की खैर नहीं, सरकार इस तारीख से ला सकती है नया नियम
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत बेसिक सैलरी बढ़ाने की मांग खारिज होने से 1.1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनरों को निराशा हाथ लगी है. हालांकि केंद्र सरकार उन्हें प्रमोशन का नया और सख्त नियम लाकर सौगात दे सकती है.
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत बेसिक सैलरी बढ़ाने की मांग खारिज होने से 1.1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनरों को निराशा हाथ लगी है. हालांकि केंद्र सरकार उन्हें प्रमोशन का नया और सख्त नियम लाकर सौगात दे सकती है. प्रमोशन के नए नियम का प्रस्ताव तैयार हो चुका है और इसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि इस नियम से कर्मचारियों को सबसे ज्यादा लाभ यह होगा कि उनका प्रमोशन पूरी पारदर्शिता से होगा. यानि अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को ही प्रमोशन मिलेगा और अच्छा इंक्रीमेंट मिलने की उम्मीद है. साथ ही अन्य कर्मचारियों में प्रदर्शन सुधारने की प्रेरणा जगेगी.
बीते दिनों राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन ने कहा था कि 7वें वेतन आयोग के तहत जो फिटमेंट फैक्टर तय हुआ था वह 2.57 गुना पर फिक्स रहेगा. इसके तहत आने वाले सभी कर्मचारियों को इसके आधार पर ही सैलरी मिल रही है. इसे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. इससे साफ हो गया था कि सरकारी कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी की गुड न्यूज फिलहाल नहीं मिलने वाली है. लेकिन प्रमोशन का नया नियम आने की खबर कर्मचारियों के लिए सुकून भरी है.
प्रमोशन का नया नियम आसान व सरल बनाएगा प्रक्रिया को
एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष व ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स एसोसिएशन के पूर्व सहायक महासचिव (असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल) हरी शंकर तिवारी ने 'जी बिजनेस' डिजिटल से कहा कि सरकार कर्मचारियों के लिए जो प्रमोशन का नया नियम ला रही है उससे यह प्रक्रिया आसान व सरल हो जाएगी. इससे न सिर्फ कर्मचारियों की प्रमोशन में पक्षपात की शिकायत खत्म होगी बल्कि उन्हें जल्दी और पारदर्शी प्रमोशन भी मिलेगा. प्रमोशन नियम में यह बदलाव 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत हो सकता है. इसमें कर्मचारी के प्रदर्शन के आधार पर ग्रेडिंग की शुरुआत होगी.
क्या है प्रस्ताव में
डीओपीटी ने प्रमोशन का नया प्रस्ताव तैयार किया है. इसके मुताबिक अब पब्लिक डोमेन में काम करने वाले कर्मचारी को ग्रेडिंग दी जाएगी. जनता से उसका फीडबैक लिया जाएगा. फीडबैक का मतलब है जो कर्मचारी पब्लिक डोमेन (यानि नगर निगम, डेवलपमेंट अथॉरिटी, ट्रेजरी, बिजली दफ्तर, स्कूल-कॉलेज, रजिस्ट्रार आदि दफ्तरों के कर्मचारी) में काम करते हैं उनका जनता से आए दिन मिलना-जुलना होगा है. इसमें जनता के प्रति उनका व्यवहार कैसा है, वह किसी भी समस्या को कितनी जल्दी निपटाते हैं, इस आधार पर फीडबैक लिया जाएगा और फिर ग्रेडिंग होगी.
डीओपीटी ने सरकार को भेजा प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो प्रस्ताव की खास बात है कि प्रमोशन में करीब 80% वेटेज पब्लिक फीडबैक को दिया जाएगा. इससे जनता से सीधे जुड़े सरकारी कर्मचारियों के बर्ताव और कामकाज में सुधार होगा. साथ ही सरकारी दफ्तर आने वाली जनता द्वारा कर्मचारियों को दी गई ग्रेडिंग पब्लिक डोमेन में भी रहेगी. इसी ग्रेडिंग के आधार पर कर्मचारी की सैलरी बढ़ेगी और प्रमोशन दिया जाएगा.
7वें वेतन आयोग ने की थी सिफारिश
केंद्रीय कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग वर्ष 2016 से मिल रहा है. आयोग के पैनल ने यह भी सिफारिश की थी कर्मचारी के प्रमोशन में जनता की भी भागीदारी होनी चाहिए. जनता कर्मचारी की ग्रेडिंग करेगी और इस आधार पर ही प्रमोशन होना चाहिए. पैनल ने इसके लिए मॉडिफाइड एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन प्रोसेस (MACP) को बदलने को कहा था. केंद्र सरकार ने उस समय इसे लागू नहीं किया था, लेकिन इसके 1 अप्रैल, 2019 में लागू होने की उम्मीद है.