केंद्र सरकार ने उन लाखों पेंशनरों को 1000 रुपए मेडिकल भत्‍ता (Fixed Medical Allowance) देने की मंजूरी दे दी है, जिन्‍होंने अपने रिटायरमेंट के समय या उसके बाद FMA के लिए अप्‍लाई नहीं किया है. वह अब FMA के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. उन्‍हें अप्‍लाई करने की तारीख से यह भत्‍ता मिलना शुरू हो जाएगा. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अप्‍लाई करने का तरीका

वित्‍त मंत्रालय ने सरकारी आदेश में कहा है कि मौजूदा पेंशनर को अप्‍लाई करने के लिए अंडरटेकिंग देनी होगी. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए FMA 1 दिसंबर 1997 से लागू है. केंद्र सरकार ने इस भत्‍ते को पेंशनरों के लिए शुरू किया था. 

CGHS से बाहर रहने वालों के लिए है भत्‍ता

इलाहाबाद (यूपी) स्थित एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरीशंकर तिवारी ने बताया कि यह भत्‍ता उन पेंशनरों के लिए है, जो CGHS (Central Government Health Srvices) क्षेत्र से बाहर रहते हैं. उन्‍होंने बताया कि 19 दिसंबर 1997 के बाद से FMA में बहुत से बदलाव हुए हैं. 

सभी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

आदेश में यह भी कहा गया है कि भविष्‍य में जो भी केंद्रीय कर्मचारी रिटायर होगा उसे भी FMA का लाभ मिलेगा. इसके लिए कर्मचारी को अपने पेंशन पेपर और FMA के लिए अलग से अप्‍लाई करना होगा. उस पेंशनर को रिटायरमेंट के पहले महीने से ही 1000 रुपए FMA मिलने लगेगा. 

पहले 100 रुपए मिलता था भत्‍ता

संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के संयोजक आरके वर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्‍वागत किया. उन्‍होंने बताया कि शुरुआत में भत्‍ते की रकम 100 रुपए महीना थी, जिसे 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद डेढ़ साल बाद जुलाई 2017 में बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया था.