7वां वेतन आयोग, यूपी में सरकारी शिक्षकों समेत लाखों राज्‍य कर्मचारियों की वेतन विसंगति (अंतर) खत्‍म करने की मांग राज्‍य सरकार ने मान ली है. इससे उनकी सैलरी में 2 से 5 हजार रुपए की बढ़ोतरी होने की संभावना है. राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी और महामंत्री आरके निगम ने बताया कि वित्‍त विभाग वेतन विसंगति खत्‍म करने के लिए नवंबर 2018 में कार्रवाई करेगा. 7वें वेतन आयोग के लिए गठित वेतन समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट मार्च 2018 में सौपी थी. मुख्‍य सचिव के साथ हुई बैठक में कर्मचारी नेताओं ने 9 और सरकारी शिक्षकों ने 5 मांगें रखी थीं, जिन पर फैसला हुआ है.

 

मिडल लेवल के कर्मचारी को होगा फायदा
कर्मचारी नेताओं ने मांग की थी कि 7वें वेतन आयोग और छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों में सैलरी का अंतर बढ़ गया है. अगर सरकार इसे खत्‍म कर देती है तो कर्मचारियों को वेतन भत्‍तों, एसीपी व अन्‍य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा. इससे खास तौर पर मिडल लेवल के कर्मचारी लाभान्वित होंगे.

 

शिक्षकों ने बेसिक पे 17140 करने की मांग रखी
शिक्षक संगठन भी मुख्‍य सचिव के साथ बैठक में शामिल थे. उनकी मांग थी कि छठे वेतनमान में नियुक्‍त सहायक शिक्षक का न्‍यूनतम वेतनमान 17140 रुपए प्रति माह कर दिया जाए. साथ ही प्रधान अध्‍यापक पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय को 18150 रुपए बेसिक पे मिले. इस पर मुख्‍य सचिव ने आश्‍वासन दिया कि शासन अपने स्‍तर से इसका परीक्षण करेगा और जरूरी कार्रवाई करेगा.