7वां वेतन आयोग : DA पर कितना लगता है टैक्स? कैसे होती है कैलकुलेशन? जानिए यहां
सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) बढ़ने की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. DA में बढ़ोतरी का ऐलान अगस्त में होने का अनुमान है. क्योंकि अब तक AICPI के जून के आंकड़े नहीं आए हैं.
सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) बढ़ने की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. DA में बढ़ोतरी का ऐलान अगस्त में होने का अनुमान है. क्योंकि अब तक AICPI के जून के आंकड़े नहीं आए हैं. ये आंकड़े जुलाई के अंत तक जारी होंगे. महंगाई दर में बढ़ोतरी के कारण इस बार सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनका DA सबसे ज्यादा बढ़ेगा. DA कर्मचारी को मिलने वाली सैलरी का कंपोनेंट है. यह सीधे तौर पर कर्मचारी की कॉस्ट ऑफ लिविंग से जुड़ा होता है. यह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स से लिंक होता है.
केंद्र सरकार इसे समय-समय पर संशोधित करती है. इसकी गणना बेसिक पे को आधार मानकर प्रतिशत में होती है. अभी कर्मचारियों और पेंशनरों को 12 प्रतिशत DA मिल रहा है. जानकारों के मुताबिक DA पूरी तरह टैक्सेबल होता है. यानि आपको जितनी रकम महंगाई भत्ते के नाम पर मिलती है वह टैक्सेबल होती है.
ऐसे होती है DA की गणना
DA ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) से लिंक होता है. इसके फॉर्मूले में एआईसीपीआई का औसत लिया जाता है.
DA% = ((AICPI का औसत (आधार वर्ष 2001=100) बीते 12 माह के लिए -115.76)/115.76)x100
शहर के आधार पर तय होता है DA
DA कर्मचारी के दफ्तर की लोकेशन के आधार पर अलग होता है. शहरी क्षेत्र के लिए DA ज्यादा होगा. वहीं अर्द्ध शहरी क्षेत्र और गांव के लिए DA कम होगा.
DA और HRA में अंतर
DA की तरह हाउस रेंट अलाउंस (HRA) भी कर्मचारी के वेतन का महत्वपूर्ण कंपोनेंट है. नियोक्ता इसे अपने कर्मचारी की किराए के घर की जरूरत पूरी करने के लिए देता है. HRA पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर दोनों के कर्मचारियों को मिलता है. DA का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के विशिष्ट प्रतिशत के आधार पर होता है, जिसे बाद में बेसिक में HRA के साथ जोड़ दिया जाता है.