सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी BSNL के कर्मचारियों ने 10 दिसंबर 2018 से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. पहले उन्‍होंने 3 दिसंबर को हड़ताल का ऐलान किया था. इसमें 4जी स्‍पेक्‍ट्रम की मांग के साथ-साथ सैलरी व पेंशन में बढ़ोतरी की मांग प्रमुख है. BSNL की इस स्‍ट्राइक में MTNL के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं. बीएसएनएल के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के 62 लाख पेंशनर 7वें वेतन आयोग के तहत संशोधित पेंशन पा रहे हैं. ऐसा संशोधन उनके पेंशनरों की पेंशन में भी होना चाहिए.

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ये हैं प्रमुख मांगें

> 4जी स्‍पेक्‍ट्रम का आवंटन हो.

> बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए भी पेंशन कांट्रिब्‍यूशन सिस्‍टम लागू हो.

> 1 जनवरी 2017 से पेंशन रिवाइज की जाए. इसमें 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्‍टर को शामिल किया जाए.

> बीएसएनएल कर्मचारियों का कहना है कि उनका फिटमेंट फैक्‍टर 32 प्रतिशत होना चाहिए.

> केंद्र सरकार के पेंशनरों को फिटमेंट फैक्‍टर के आधार पर ही 1 जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन मिल रही है, ऐसा बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों व पेंशनरों के साथ भी होना चाहिए.

दूरसंचार विभाग ने किया था एब्‍जॉर्ब

ज्‍वाइंट फोर ऑफ रिटायरीज के कन्‍वेनल एसएस नंदा ने कहा कि MTNL के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. क्‍योंकि दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल के साथ एमटीएनएल के पेंशनरों को भी एब्‍जॉर्ब किया है. एसोसिएशन ने पेंशन रिवीजन की मांग पर 1 दिन का उपवास भी रखा था.

 

केंद्रीय कर्मचारियों के जैसे बेनिफिट के हकदार

याहू की खबर के मुताबिक नंदा ने आरोप लगाया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के पेंशनर भी केंद्र सरकार के अधीन आते हैं लेकिन उन्‍हें केंद्रीय कर्मचारियों जैसे बेनिफिट नहीं मिल रहे हैं.