लाखों सरकारी कर्मचारियों की इस मांग के आगे झुकी सरकार, डिमांड पूरी करने का किया वादा
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले यूपी में 18 लाख सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. यूपी सरकार ने उनकी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग मानने का आश्वासन दिया है.
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले यूपी में 18 लाख सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. यूपी सरकार ने उनकी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग मानने का आश्वासन दिया है. इस क्रम में कर्मचारियों ने 28 फरवरी को प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन को फिलहाल टाल दिया है. संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने बताया कि मुख्य सचिव के साथ बैठक में यह आश्वासन मिला है कि सरकार संगठन की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है. उनकी डिमांड पर सकारात्मक रूप से विचार हो रहा है.
मुख्य सचिव ने यह भी कहा था कि कर्मचारी अपना जेल भरो आंदोलन टाल दें, इसलिए संगठन इसे फिलहाल टाल रहा है. हालांकि कर्मचारियों ने जब जनवरी में आंदोलन किया था तब सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल ने एस4 के शिष्टमंडल से बातचीत की थी. लेकिन उसमें बात नहीं बनी थी.
NPS मानने से किया इनकार
एस4 के महासचिव आरके निगम ने बताया कि पिछली बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा था कि केंद्र सरकार ने 31 जनवरी 2019 से नई पेंशन योजना (NPS) में संशोधन का फैसला किया है. इसके लिए वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है. प्रमुख सचिव ने बातचीत के दौरान उस नोटिफिकेशन की प्रति कर्मचारी नेताओं को दी और गुजारिश की थी कि संगठन इस पर विचार करे. लेकिन एस4 ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया. एस4 के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा था कि हमारा संगठन OPS की बहाली के लिए आंदोलन कर रहा है. हमें NPS या इसमें संशोधन कतई स्वीकार नहीं है.
सरकार ने बनाया दबाव
सरकार की ओर से बातचीत कर रहे प्रमुख सचिव ने संगठन पर दबाव बनाया था कि वे केंद्र सरकार के NPS में संशोधन के प्रस्ताव पर फिर से विचार करें. इस पर एस4 के प्रदेश संयोजक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि आपके विशेष अनुरोध पर एस4 का संयोजक मंडल NPS में संशोधन पर विचार करेगा. लेकिन संगठन की यह मांग नहीं है. सरकार को हर हाल में पुरानी पेंशन योजना लागू करनी होगी.
आगे क्या है योजना
एस4 के संयोजक आरके वर्मा ने बताया कि कर्मचारी नेताओं ने साफ किया कि जब तक पुरानी पेंशन योजना प्रदेश में लागू नहीं हो जाती तब तक आंदोलन होते रहेंगे. अगर सरकार ने इसे मान लिया तभी आंदोलन रुकेंगे.