फिट इंडिया अभियान (Fit India Movement) के तहत ज़ी बिज़नेस (ZEE BUSINESS) की पहल Zee Business BSE Bull Run 2020 को स्वामी रामदेव ने सराहा है. उन्‍होंने कहा कि Zee नेटवर्क पर किए प्रोग्राम को सबसे ज्यादा लोगों ने देखा है. यह चैनल देश का सबसे पॉपुलर चैनल है.

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BSE Bull Run 2020 के लिए लोगों को अपने फिटनेस मंत्र देते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि हम फिट रहेंगे तो देश फिट रहेगा. फिटनेस से बड़ा कुछ नहीं है. 

उल्‍लेखनीय है कि लोगों में बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति अलख जगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 29 अगस्‍त को राष्‍ट्रीय खेल दिवस के मौके पर 'फिट इंडिया' मूवमेंट (#FitIndiaMovement) का शुभारंभ किया. उस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा था कि खेलों का सीधा नाता फिटनेस से है. स्‍वस्‍थ जीवन के लिए ये एक शब्द नहीं बल्कि एक जरूरी शर्त है. हमारी संस्‍कृति के सांचे में ही फिटनेस पर जोर दिया गया है. किसी भी बीमारी के बाद परहेज से ज्यादा उपाय को श्रेष्ठ माना गया है. फिटनेस हमारी जीवन पद्धति का सहज हिस्‍सा रही है.

पीएम मोदी ने कहा था कि बार-बार हमारे पूर्वजों ने कहा है कि व्‍यायाम से ही अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य, लंबी आयु, शक्ति और सुख की प्राप्ति होती है. निरोगी होना परमानंद है और अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं. हालांकि समय के साथ सभी परिभाषाएं बदल गई हैं. अब सुनने को मिलता है कि स्वार्थ से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं, स्‍वास्‍थ्‍य से नहीं. इसलिए अब स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी उस पुरानी कहावत को फिर से चरितार्थ करने के प्रयास का वक्‍त आ गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन के उद्देश्य को हासिल करने के लिए एक लगन का होना भी उतना ही जरूरी है, क्‍योंकि जब हम ऐसे आगे बढ़ते हैं तो सफलता हमारे कदम चूमने को मजबूर हो जाती है. सफलता और फिटनेस का रिश्ता एक दूसरे से जुड़ा हुआ है. आप किसी भी फील्‍ड में अपने आइकॉन को देखें, सब फिट हैं. उनकी जीवनशैली पढ़ेंगे तो पाएंगे उनका फिटनेस पर फोकस और खुद पर भरोसा.

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पीएम मोदी ने कहा कि फिटनेस के लिए सबको अपने यहां विशेष अभियान शुरू करना चाहिए क्‍योंकि सभी का फिट होना जरूरी है. इसके साथ ही कहा कि जो लक्ष्य हम रखते हैं हमारा जीवन वैसे ही ढल जाता है. धीरे-धीरे जीवन दिनचर्या वैसी बननी शुरू हो जाती है. ऐसे में परिवार के अंदर, व्यायाम, फिटनेस, रोजमर्रा के विषय बनने चाहिए. समय के साथ ये बदलाव सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में इस तरह के अभियानों की जरूरत महसूस की जा रही है.