World Music Day: डिजिटल म्यूजिक का भारत में तेजी से बढ़ रहा कारोबार, 2026 तक 935.06 मिलियन डॉलर पहुंचेगा रेवेन्यू
World Music Day: भारत में साल 2026 तक डिजिटल म्यूजिक का रेवेन्यू 935.10 मिलियन डॉलर (USD)तक हो जाएगा. इसी तरह, साल 2022 में रेवेन्यू 683.10 मिलियन डॉलर होगा.
World Music Day: भारत में म्यूजिक का कारोबार काफी बड़ा है.खासकर डिजिटल म्यूजिक का कारोबार बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत में डिजिटल म्यूजिक (digital music) की डाउनलोडिंग और स्ट्रीमिंग के लिए सब्सक्रिप्शन लेने वाले कस्टमर भी बढ़ रहे हैं. स्टैटिस्टा डॉट कॉम के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में साल 2026 तक डिजिटल म्यूजिक का रेवेन्यू 935.10 मिलियन डॉलर (USD)तक हो जाएगा. इसी तरह, साल 2022 में रेवेन्यू 683.10 मिलियन डॉलर होगा. इसमें कहा गया है कि साल 2022 से 2026 के बीच यह रेवेन्यू 8.17 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ेगा.
भारत में डिजिटल म्यूजिक के यूजर्स
खबर के मुताबिक, साल 2022 में सबसे बड़ा सेगमेंट म्यूजिक स्ट्रीमिंग का है. यह इस साल 664.60 मिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा. भारत में डिजिटल म्यूजिक के यूजर्स की बात की जाए तो इसके साल 2026 तक 150.90 मिलियन यूजर होने का अनुमान है. साल 2021 में कुल डिजिटल म्यूजिक (World Music Day) यूजर्स में 39.3 प्रतिशत ज्यादा इनकम ग्रुप वाले थे. साल 2021 में 25 से 34 साल की उम्र के digital music यूजर्स सबसे ज्यादा रहे.
डिजिटल म्यूजिक से क्या मतलब
डिजिटल म्यूजिक (digital music) को ऑडियो कंटेंट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसे इंटरनेट पर एंड यूजर्स को डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है. इसमें प्रोफेशनल तौर पर बने सिंगल ट्रैक या एल्बम/कम्पाइल्ड म्यूजिक के साथ-साथ मेंबरशिप बेस्ड ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सर्विस के भुगतान किए गए डिजिटल डाउनलोड शामिल हैं. ध्यान रहे, विज्ञापन सपोर्ट वाली सर्विस, इंटरनेट रेडियो, वीडियो स्ट्रीम और ऑडियो बुक्स आदि शामिल नहीं हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री (World Music Day) के कुल रेवेन्यू में भारतीय फिल्मों के गानों की हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत के साथ सबसे ज्यादा है. भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री में सालाना 15 प्रतिशत के ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. IFPI के मुताबिक, भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री दुनिया में 15वां सबसे बड़ा मार्केट है.दुनिया में डिजिटल म्यूजिक के टॉप मार्केट में अमेरिका, चीन, यूके, जापान और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं.