जब जुबान चटोरी और दिल बेकाबू हो जाए अच्छे और बुरे खाने का फर्क समझ नहीं आता. ठेलों की चाट पकौड़ियां, भिनभिनाती मक्खियों से घिरी आलू टिक्कियां और दुनियाभर की बीमारियां लिए बर्गर कुछ पलों के लिए जुबान को तो छप्पन भोग का मजा देते हैं, लेकिन इसके बाद जो रोग होता है, वो हर साल करीब 15 लाख लोगों की जान ले लेता है. दुनिया में पहली बार खराब खाने की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए यूनाइटेड नेशंस ने विश्व खाद्य दिवस मनाने का फैसला किया है.

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क्या कहती है UN की रिपोर्ट

UN का मानना है कि खराब खाना एक गंभीर समस्या है. UN की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे विश्व में हर साल खराब क्वालिटी के खाने से होने वाली बीमारियों के 60 करोड़ मामले देखने को मिलते हैं. और हर 10 में से 1 व्यक्ति खराब क्वालिटी का खाना खाने की वजह से आज बीमार है. 5 साल के 40% बच्चे भी इससे होने वाली बीमारी के शिकार हैं और इन बीमारियों की वजह से हर साल करीब 1,25,000 बच्चों की मौत हो जाती है.

चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा मामले

खराब खाने की वजह से होने वाली मौतों के मामले में चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश है. देश में हर साल करीब 15 लाख लोगों की मौत सिर्फ खराब खाने की वजह से होती है. इसकी गंभीरता का अंदाजा इससे लगाइए कि साल 2008 से 2017 के बीच खराब खाने की वजह से होने वाली बीमारी एक प्रकोप की तरह फैली है और ये सिलसिला अब भी जारी है.

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2008 से 2017 के बीच फूड पॉयजनिंग और डायरिया के कुल 7,228 आए थे, जिसमें फूड पॉयजनिंग के 2,867 मामले और डायरिया के 4361 मामले शामिल थे. इसी को ध्यान में रखते हुए 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति बनाई गई थी, जिससे पूरे देश में खाने की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा सके.

 

 

विश्व बैंक ने भी जाहिर की चिंता

विश्व बैंक भी खराब खाने की वजह से भारत में होने वाली मौतों पर चिंता जाहिर कर चुका है. विश्व बैंक ने पिछले साल आई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि खराब खाने की वजह से भारत पर हर साल करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है, जो कि देश की GDP का करीब आधा प्रतिशत है.

WHO भी दे चुका है चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO भी खराब खाने से होने बीमारियों के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर कर चुका है. WHO की रिपोर्ट के  मुताबिक, फूड पॉयजनिंग से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं. इन बीमारियों में डायरिया से लेकर कैंसर तक शामिल है. गरीब और कम सेहतमंद लोग खराब खाने से ज्यादा बीमार पड़ते हैं. खराब खाने के लिए हम हमेशा अथॉरिटीज और सरकारों को ही कोसते हैं. लेकिन, जरूरत है कि लोगों को इस बारे में जागरुक बनाया जाए, ताकि वो इन तमाम बीमारियों से खुद को दूर रख सकें.