Work From Home: देश में कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है. बुधवार को देश में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले देखने को मिले. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से वर्क फ्रॉम होम को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी हुई हैं. केंद्र सरकार के वाणिज्य विभाग ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन के लिए ज्यादा से ज्यादा 1 साल के लिए वर्क फ्रॉम होम की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा गाइडलाइन्स में ये भी कहा गया है कि वर्क फ्रॉम होम को कुल कर्मचारियों के 50 फीसदी तक लागू किया जा सकता है. कॉमर्स विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. कॉमर्स विभाग ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन नियम, 2006 में घर से काम के लिए नया नियम 43A जारी किया है. 

कर्मचारी के कुछ ही कैटेगरी को मिलेगा फायदा

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कॉमर्स विभाग की ओर से वर्क फ्रॉम होम को लेकर जो नया रूल जारी किया गया है वो स्पेशल इकोनॉमिक जोन में रहने वाले कर्मचारियों की कुछ कैटेगरी को ही मिलेगा. इस नए रूल में IT/ITeS सेज यूनिट्स को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा जो कर्मचारी ट्रैवल करते हैं उन लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा. 

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50% कर्मचारी को ही मिलेगी छूट

सरकार की ओर से जारी नए नियम के मुताबिक, SEZ यूनिट में काम करने वाले कुछ कैटेगरी के लोगों को घर से काम करने की ही इजाजत होगी. मंत्रालय के अनुसार, घर से काम करने की सुविधा कुल कर्मचारियों में से 50 फीसदी कर्मचारियों को ही मिलेगी. 

डेवलेपमेंट कमिश्नर के पास होगा विशेष अधिकार

मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ये भी बताया गया है कि SEZs के डेवलेपमेंट कमिश्नर के पास विशेष अधिकार होंगे कि वो किसी उपयुक्त कारण के आधार पर 50 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह सकेंगे. हालांकि डेवलेपमेंट कमिश्नर इसे एक बार में एक साल की अवधि के लिए बढ़ा सकता है. 

देश में कितने स्पेशल इकोनॉमिक जोन 

मौजूदा समय में देश में 8 स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं. इसमें सांताक्रूज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), कांडला और सूरत (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश), फाल्टा (पश्चिम बंगाल) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं. 

क्या है स्पेशल इकोनॉमिक जोन?

स्पेशल इकोनॉमिक जोन वो एरिया है, जहां एक ही कैंपस के अंदर ऑटो पार्ट्स के व्यावसायिक गतिविधियां चलाने की सुविधा होती है. व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए जमीन, पानी और बिजली समेत जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. टैक्स में पहले 5 साल के लिए छूट दी जाती है और उसके बाद मात्र आधा टैक्स लगता है.