मदरसे में मंदिर का विरोध क्यों, क्या कट्टरपंथी संविधान में नहीं रखते विश्वास?
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने मदरसे में मंदिर बनवाने का ऐलान किया है. उनके इस ऐलान के खिलाफ कट्टरपंथी इकट्ठे हो रहे हैं.
सलमा अंसारी ने अलीगढ़ स्थित चाचा नेहरू मदरसे में मंदिर बनाने का एलान किया है, ताकि हॉस्टल में रहने वाले हिंदू बच्चों को पूजा के लिए हॉस्टल से बाहर न जाना पड़े.
सलमा अंसारी ने अलीगढ़ स्थित चाचा नेहरू मदरसे में मंदिर बनाने का एलान किया है, ताकि हॉस्टल में रहने वाले हिंदू बच्चों को पूजा के लिए हॉस्टल से बाहर न जाना पड़े.
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने मदरसे में मंदिर बनवाने का ऐलान किया है. उन्होंने अलीगढ़ में स्थित चाचा नेहरू मदरसे में मंदिर बनाने का एलान किया है, ताकि मदरसे के हॉस्टल में रहने वाले हिंदू बच्चों को मंदिर के दर्शन करने के लिए हॉस्टल से बाहर न जाना पड़े, और वे सुरक्षित रहें.
उन्होंने कहा, 'मुझे अपने बच्चों की हिफाजत का ख्याल था, बच्चे सुरक्षित नहीं ये हमेशा से प्रॉब्लम है, मेरा मामूली सा स्कूल हे हमें 10 कदम पहले सोचना पड़ता है ये सिर्फ हिफाजत के लिए है, स्कूल के बहार मां—बाप हॉस्टल में मंदिर उस जिम्मेदारी को सामने रखते हुए में ये कदम उठा रही हूं.'
लेकिन मदरसे में मंदिर बनवाने से पहले सलमा अंसारी को पहले कुरान से इस बात को सही साबित करवाने की चुनौती दी गई है. वहीं कुछ मौलाना सलमा अंसारी की इस पहल को इस्लाम विरोधी और चर्चा में रहने के लिए दिया गया बयान बता रहे हैं.
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सलमा अंसारी के खिलाफ कट्टरपंथी इकट्ठे हो रहे हैं, मदरसे में मस्जिद को इस्लाम विरोधी बताकर सलमा अंसारी की पहल का विरोध करने की भी चेतावनी दी जा रही है. लेकिन सलमा अंसारी अपने फैसले पर अडिग हैं. उन्होंने साफ कह दिया है कि कोई क्या कहता है इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता और वे मदरसे में मंदिर निर्माण करके ही रहेंगी.
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सलमा के इस फैसले से बच्चे भी खुश हैं. मदरसे में एक तरफ हिन्दू बच्चे दीपक जलाकर पूजा कर रहे हैं तो कमरे के दूसरे हिस्से में नमाज अदा कर रहे हैं. बच्चों को सांप्रदायिक सौहार्द के इस माहौल में काफी अच्छा महसूस हो रहा है.
सवाल ये है कि सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन रही इन तस्वीरों से आखिर कट्टरपंथियों को दिक्कत क्या है. मुस्लिम कट्टरपंथियों के आरोपों के मुताबिक क्या सलमा अंसारी सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए ये कर रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया के संकल्पों की राह में कट्टरपंथी क्यों रोड़ा बन रहे हैं. क्या हिन्दू बच्चों को उनकी पूजा का अधिकार देना किसी मजहब का अपमान है और अगर ये सब सुरक्षा के लिए हो रहा है तो क्या कट्टरपंथी नहीं चाहते कि बच्चे सुरक्षित रहें.
08:48 PM IST