Joshimath Sinking: उत्तराखंड का जोशीमठ इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि इस इलाके में इमारतों, सड़कों समेत कई जगहों पर दरार आने का सिलसिला जारी है. इसका असर वहां रह रहे सैकड़ों परिवारों पर पड़ रहा है. हालात को देखते हुए करीब 100 परिवारों के अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. साथ ही प्रशासन ने प्रभावित सैकड़ों इमारतों को चिह्नित भी किया है. पहाड़ी राज्य में दरार आने की घटना केवल जोशीमठ तक नहीं सीमित है. दरार आने की यह घटना आसपास के अन्य इलाकों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. इनमें पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रूद्रप्रयाग शामिल हैं. 

आखिर दरार आने की वजह क्या है? 

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उत्तराखंड के हिस्से में वाले हिमालयन रेंज (Why Joshimath Sinking) के पहाड़ अन्य के मुकाबले काफी नए हैं. ऐसे में इनके बेसिक स्ट्रक्चर काफी कमजोर हैं. नतीजनत, ज्यादा बारिश का भी इन पर असर देखने को मिलता है. इसके अलावा भी कई वजहें हैं, जैसे - पेड़ों की कटाई और कंस्ट्रक्शन के काम. चुंकि धीरे-धीरे यहां आबादी भी बढ़ रही है. इससे पड़ों की काफी तेजी से कटाई की जा रही है. साथ ही इन जगहों पर निर्माण कार्य भी चल रहे हैं. पहले से ही कमजोर आधार वाले पहाड़ों पर ब्लास्ट और तोड़फोड़ से स्थिति और खराब होती जा रही है. इसके तहत रेलवे सुरंग, टनल जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. 

एक्शन में केंद्र सरकार

जोशीमठ (Joshimath Sinking) के मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों अलर्ट हैं. गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के 4 मंत्रियों ने जोशीमठ की स्थिति का जायजा लिया. इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah on Joshimath), सड़क एंव परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, ऊर्जा मंत्री आर के सिंह, पर्यावरण एवं नम मंत्री भूपेंद्र यादव और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल रहे. मंत्रिमंडल ने लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का आकलन किया.

जोशीमठ में प्रभावितों को मिलेगा मुआवजा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM) ने गुरुवार को कहा कि जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए बाजार दर पर मुआवजा स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाएगा. अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित किए जाने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है.

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