विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Artificial sweetener Aspartame को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है.  इस रिपोर्ट में Aspartame को पूरी तरह से कैंसर का कारक नहीं बताया गया है. WHO ने दो अलग अलग संस्थाओं के साथ मिलकर जो फाइनल रिपोर्ट जारी की है. उसमें कहा गया है कि एस्पार्टेम कैंसरकारी है या नहीं इस बारे में लिमिटेड सुबूत हैं. यानी इंसानों में इस आर्टिफिशियल स्वीटनर से कैंसर होता है या नहीं, सीधे तौर पर ऐसा नहीं कहा जा सकता. इसीलिए इसे possibly carcinogenic कहा गया है – यानी ऐसा हो सकता है कि इससे कैंसर हो. हालांकि साथ ही एस्पार्टेम को रोजाना प्रति किलो वजन पर 40 एमजी के हिसाब से लेना स्वीकार्य भी बताया गया है.   हर 6 में से एक व्यक्ति को कैंसर एस्पार्टेम Aspartame एक केमिकल वाला मीठा है जिसे 1980 से डायट ड्रिंक्स में इस्तेमाल किया जा रहा है. शुगर फ्री च्युइंग गम से लेकर आइसक्रीम यहां तक कि कफ सिरप से लेकर शुगर फ्री टूथपेस्ट तक में एस्पार्टेम का प्रयोग किया जाता है. इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की फीड डिवीजन के निदेशक Dr Francesco Branca ने बयान दिया है कि “दुनिया में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. हर 6 में से एक व्यक्ति को कैंसर है. ऐसे में इस स्वीटनर के बारे में भी हमने संभावित नुकसान के बारे में आगाह किया है जिन्हें पुख्ता तौर पर साबित करने के लिए और अधिक स्टडी करने की जरूरत है.   एस्पार्टेम को लेकर तीन बार की गई स्टडी WHO के साथ मिलकर जिन दो संस्थाओं ने ये रिसर्च की है उसमें से International Agency for Research on Cancer (IARC) ने पहली बार जबकि  Food and Agriculture Organization (FAO) Joint Expert Committee on Food Additives (JECFA) ने तीसरी बार एस्पार्टेम की स्टडी की है. IARC ने इस आर्टिफिशियल मीठे को लिवर कैंसर से जोड़ा है लेकिन फाइनल नतीजों में सीमित सबूत बताए हैं. जानवरों पर की गई स्टडी में भी कैंसर के कारण के तौर पर साबित करने के पर्याप्त सबूत ना होने की बात कही है.

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जानें कितनी मात्रा में लेना होगा सेफ

इसके बाद जॉइंट कमेटी ने फैसला दिया है कि एक व्यक्ति के लिए प्रति किलो वजन के हिसाब से रोजाना 40 एमजी एस्पार्टेम लेना सुरक्षित है. इस गणित से देखें तो अगर एक 70 किलो वजन का इंसान एक डाइट ड्रिंक की कैन पी लेता है जिसमें 200 से 300 एमजी एस्पार्टेम होता है तो 9 कैन के बाद ही वो रोजाना की लिमिट को क्रॉस कर पाएगा – बशर्ते उस इंसान ने सॉफ्ट ड्रिंक कैन के अलावा एस्पार्टेम वाली कोई और चीज नहीं खाई है. यानी WHO की इस कमेटी के मुताबिक एस्पार्टेम से कैंसर होता है या नहीं – ये कहने के लिए अभी पर्याप्त सबूत नहीं हैं.