विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)  ने भारत में बने एक कफ सिरप पर अलर्ट जारी करते हुए उसे सब-स्टैंडर्ड बताया है लेकिन, इस बार पंजाब की कफ सिरप बनाने वाली कंपनी ने पलटवार किया है. कंपनी ने इसे भारत की छवि को बदनाम करने की साजिश बताया है. भारत की दवा कंपनियों के साथ धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया है.इस कफ सिरप का नाम है GUAIFENESIN SYRUP TG SYRUP और इसे पंजाब की एक निर्माता कंपनी QP PHARMACHEM LTD बनाती है. 

कंपनी ने किया ये दावा

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक आस्ट्रेलिया के मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया ने लैब जांच के आधार पर 6 अप्रैल को WHO को बताया कि ये कफ सिरप खराब क्वालिटी के हैं.हालांकि ये कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का दावा है कि उनके प्रोडक्ट में कोई खराबी नहीं है. वो साजिश और धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं. कंपनी के मालिक सुधीर पाठक के मुताबिक उन्होंने इस कफ सिरप को कंबोडिया की एक कंपनी को 2020 में बेचा था. 

कंबोडिया को भेजा है लीगल नोटिस

जी बिजनेस से बातचीत में कंपनी के QP PHARMACHEM LTD के मालिक सुधीर पाठक ने कहा कि ये प्रोडक्ट 2023 में मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया  में कैसे पहुंच गए, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. ये भारत की फार्मा इंडस्ट्री की छवि खराब करने की साजिश है. इस भारतीय दवा कंपनी ने कंबोडिया को लीगल नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है. सवालों के घेरे में खड़ी कंपनी का दावा है कि इथलिन ग्लायकोल  केमिकल के बिना कफ सिरप नहीं बनाए जाते. दिक्कत तब आती है जब कफ सिरप को सही तापमान पर ना रखा गया हो.

दवा में हैं ये कैमिकल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस कफ सिरप में Diethylene glycol और ethylene glycol केमिकल हैं जो इंसानों के लिए जानलेवा और जहरीले साबित हो सकते हैं. WHO ने बाकी देशों को भी सावधान क्या है कि अगर ये कफ सिरप उनके देश में है तो इसे इस्तेमाल न करें. साथ ही WHO ने चेतावनी दी है कि ऐसी लिक्विड दवाएं जिनमें propylene glycol, sorbitol, glycerin या glycerol हैं तो ये चेक कर लें कि कहीं उनमें ethylene glycol and diethylene glycol तो नहीं मिले हुए हैं. 

क्या है इथलिन ग्लायकोल  (Ethylene glycol) 

इथलिन ग्लायकोल दरअसल एक केमिकल है – जो इंडस्ट्रियल और मेडिकल, दोनों इस्तेमाल में आता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल यानी CDC की वेबसाइट के मुताबिक  “Ethylene glycol (इथलिन ग्लायकोल) रंग और गंध रहित एक लिक्विड है जो मीठा होता है चीजों को जमने से रोकता है। हालांकि इसका ज्यादा इस्तेमाल किडनी और दिमाग पर बुरा असर डाल सकते हैं." भारत में इन कंपाउंड के इस्तेमाल की मंजूरी है.  

इन दवाओं के लिए जारी किया था अलर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन इससे पहले दिसंबर 2022 में भारत में बने AMBRONOL सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप को लेकर अलर्ट जारी कर चुका है. ये दवाएं नोएडा की फार्मा कंपनी मेरियन बायोटेक बना रही थी. ये कंपनी फिलहाल बंद है. अक्टूबर 2022 में हरियाणा की कंपनी मेडन फार्मा के चार कफ सिरप को लेकर भी WHO ने अलर्ट जारी किया था. इस कंपनी को कई दौर की जांच से गुजरने और सस्पेंशन झेलने के बाद फिर से काम करने का लाइसेंस मिला है. कंपनी की सेल आधे से कम हो चुकी है.

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दवा उत्पादन में 14वें स्थान पर भारत

भारत दवा उत्पादन के हिसाब से तीसरे और वैल्यू के लिहाज से 14वें स्थान पर है. अमेरिका में इस खाई जा रही हर तीसरी और यूके में खाई जा रही हर चौथी दवा मेड इन इंडिया है. इसकी वजह ये है कि भारत में दवाएं बनाने की लागत कई देशों के मुकाबले कम आती है.भारत का दवा बाजार 4200 करोड़ रुपए का है जिसे अगले एक साल तक 6500 करोड़ पार किए जाने की योजना है. दुनिया के 206 देशों में भारतीय दवा निर्यात की जाती है.  दुनियाभर में अलग-अलग बीमारियों के 50 फीसदी टीके भारत से निर्यात होते हैं.