क्या आपके बाद आपकी सारी संपत्ति का मालिक आपका नॉमिनी होगा? या किसी और को भी मिलता है ये हक!
नॉमिनी मतलब वो व्यक्ति जिसे आपके न होने पर आपकी पॉलिसी आदि से रकम की निकासी का अधिकार प्राप्त है. लेकिन नॉमिनी आपकी उस प्रॉपर्टी का हकदार भी हो, ये जरूरी नहीं होता.
अगर आप साधारण सा बैंक अकाउंट भी खुलवाते हैं तो फॉर्म में आपको नॉमिनी डीटेल्स देना होता है. इसके अलावा किसी तरह की स्कीम, पॉलिसी, जमीन आदि सभी में आपने किसी न किसी को नॉमिनी बनाया होगा. नॉमिनी मतलब वो व्यक्ति जिसे आपके न होने पर आपकी पॉलिसी आदि से रकम की निकासी का अधिकार प्राप्त है. लेकिन नॉमिनी आपकी उस प्रॉपर्टी का हकदार भी हो, ये जरूरी नहीं होता. संपत्ति के अधिकारी आपके उत्तराधिकारी होते हैं.
हो सकता है कि आपने अपने किसी उत्तराधिकारी को ही नॉमिनी बनाया हो, तो ऐसे में उसे आपकी प्रॉपर्टी का हिस्सा मिल सकता है. लेकिन अगर आपने अपने किसी दोस्त या परिचित को नॉमिनी बनाया है तो उसे सिर्फ आपके पैसे की निकासी का अधिकार होगा. वो उस प्रॉपर्टी का मालिक नहीं होगा. यहां समझिए नॉमिनी और उत्तराधिकारी का फर्क जो अक्सर लोग नहीं समझते.
कौन होता है उत्तराधिकारी
उत्तराधिकारी वास्तव में वो होता है जिसका नाम संपत्ति के वास्तविक स्वामी द्वारा कानूनी वसीयत में लिखा जाता है या उत्तराधिकार कानून के हिसाब से उसका संपत्ति पर अधिकार हो. अगर आपका नॉमिनी उन उत्तराधिकारियों में से एक है तो वो प्रॉपर्टी या पैसों के बंटवारे का एक हिस्सा प्राप्त करने का अधिकारी होता है. अगर आप चाहते हैं कि आपकी मृत्यु के बाद इच्छित नॉमिनी ही आपकी पूरी संपत्ति का मालिक हो, तो वसीयत में स्पष्ट रूप से उसके नाम का उल्लेख होना जरूरी है.
क्लास-1 और क्लास-2 उत्तराधिकारी
रकम को पाने का अधिकार सबसे पहले क्लास-1 उत्तराधिकारियों को होता है. उनमें ये पैसे बराबर बांटे जाने चाहिए. लेकिन अगर क्लास-1 उत्तराधिकारियों में से कोई नहीं है, तो क्लास-2 उत्तराधिकारियों में बंटवारा किया जाता है. पुत्र, पुत्री, विधवा पत्नी, मां क्लास-1 उत्तराधिकारी में आते हैं और पिता, पुत्र व पुत्री की संतान, भाई, बहन, भाई व बहन की संतान क्लास-2 में आते हैं. अगर किसी व्यक्ति के पास क्लास-1 या क्लास-2 का कोई उत्तराधिकारी नहीं है, तो दूर का कोई रिश्तेदार जो मृतक से खून से जुड़ा हो, वह उत्तराधिकारी बन सकता है.
कौन होता है नॉमिनी
नॉमिनी आपकी संपत्ति के संरक्षक के तौर पर होता है. आपके न रहने के बाद नॉमिनी को उस प्रॉपर्टी या उस पॉलिसी के पैसों को लेकर क्लेम करने का अधिकार प्राप्त होता है. लेकिन सिर्फ नॉमिनी बनने मात्र से उसे मालिकाना हक नहीं मिल जाता. अगर नॉमिनी आपने अपने किसी उत्तराधिकारी को बनाया है तो उसे आपकी संपत्ति में से हिस्सा मिल सकता है. उसके साथ बाकी के उत्तराधिकारियों में भी वो पैसा बंटेगा. अगर नॉमिनी कोई बाहरी व्यक्ति या दोस्त है तो वो उस पैसे को निकालकर उत्तराधिकारियों को सौंपेगा. ऐसे में उस राशि या प्रॉपर्टी के हिस्से सभी कानूनी वारिसों में बराबर बंटेंगे. कोई दोस्त या बाहरी व्यक्ति जो नॉमिनी है, लेकिन उत्तराधिकारी नहीं है, वो उस प्रॉपर्टी का हकदार तभी बन सकता है, जब वसीयत में स्पष्ट रूप से उसके नाम का उल्लेख हो.