क्या होती है क्लाउड सीडिंग जिसके लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
What is cloud seeding for which Environment Minister Gopal Rai wrote a letter to the Union Minister
दिल्ली में आने वाले दिनों में क्लाउड सीडिंग के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर सभी संबंधित विभागों के साथ तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया है और जल्द ही एनओसी जारी करने के लिए कहा है. गोपाल राय के मुताबिक क्लाउड सीडिंग की एनओसी मिलने में एक महीने की देरी हुई है. आने वाले नवंबर महीने में हवा की गुणवत्ता खतरनाक हो जाएगी. इसके लिए उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है.
क्या होती है क्लाउड सीडिंग
क्लाउड सीडिंग आर्टिफिशियल बारिश है. कृत्रिम बारिश के लिए वैज्ञानिक आसमान में एक तय ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और साधारण नमक को बादलों में छोड़ते हैं. इसके जरूरी है कि आसमान में कम से कम 40 फीसदी बादल हों. जिनमें थोड़ा पानी मौजूद हो. लेकिन अगर बादलों में पानी की मात्रा या ह्यूमिडिटी की कमी हो तो क्लाउड सीडिंग में थोड़ी समस्या आ सकती है. क्लाउड सीडिंग के लिए विमान से बादलों के बीच उड़ान भरना जरूरी नहीं, ये काम बैलून या रॉकेट से भी किया जा सकता है.
पर्यावरण मंत्री ने क्या लिखा पत्र में
इस पत्र में लिखा गया है कि सर्दियों के महीनों के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता के संबंध में, विशेष रूप से दिवाली के बाद, जब धुंध और पर्यावरणीय गिरावट के कारण खतरनाक वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है और क्लाउड सीडिंग को एक आपातकालीन उपाय के रूप में माना जाता है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने पहले ऐसे महत्वपूर्ण समय के दौरान कृत्रिम रूप से बारिश कराने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग की खोज की थी और देखा कि इसे लागू करने के लिए तमाम एजेंसियों से पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि 2023 में दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग को एक आपातकालीन उपाय के रूप में माना था और इस संबंध में आईआईटी कानपुर द्वारा एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया था. प्रेजेंटेशन के दौरान बताया गया कि किसी विशेष स्थान पर क्लाउड सीडिंग लागू करने के लिए भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों से पहले से मंजूरी लेनी होती है, इसलिए दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को बीते 30 अगस्त को एक पत्र लिखा था.
गोपाल राय ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के प्रयासों में हमें पहले ही लगभग एक महीने की देरी हो चुकी है और यह देखते हुए कि नवंबर की शुरुआत में दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरनाक होने की संभावना है, मैं एक बार फिर आपसे सभी संबंधित विभागों के साथ तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध करता हूं. इसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिन्हें इसके लिए एनओसी जारी करना है.