Pujari Granthi Samman Yojana: आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यहां कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास स्थित मरघट वाले बाबा मंदिर के पुजारी का पंजीकरण करने के साथ ही दिल्ली सरकार की पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत की. फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले घोषित इस योजना के तहत, केजरीवाल ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली की सत्ता में दोबारा लौटती है तो सभी हिंदू मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा.

पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत 

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उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "आज मैं मरघट बाबा के मंदिर (ISB) में गया और पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना आरंभ की. आज यहां महंत जी का जन्मदिन है. मैंने उनके साथ उनका जन्मदिन भी मनाया."

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई भी, भक्त को भगवान से मिलने से नहीं रोक सकता. 

कब से शुरू होगी पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना?

अरविंद केजरीवाल ने अपनी घोषणा में कहा है कि इसे हम वेतन नहीं, इसे हम इनका सम्मान कहेंगे और इसके तहत लगभग 18000 रुपये हर महीने पुजार‍ियों और ग्रंथियों को दिए जाएंगे. चुनाव के बाद हमारी सरकार आते ही यह योजना लागू हो जाएगी.

"पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना" शुरू करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरी की गई हर घोषणा को रोकने की बीजेपी ने कोश‍िश की है. अगर इसे भी रोकने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें बहुत पाप मिलेगा.

पुजारियों के एक समूह ने किया विरोध

दिल्ली में मानदेय को लेकर राजनीति तेज होने के बीच पुजारियों के एक समूह ने 10 साल की देरी के बाद मानदेय की घोषणा करने पर कनॉट प्लेस मंदिर के बाहर केजरीवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. मरघट वाले बाबा मंदिर में दर्शन के दौरान आप प्रमुख के साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं. 

क्यों किया योजना का ऐलान

अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह योजना उन लोगों के लिए है, जिनका समाज में सबसे बड़ा योगदान रहता है, लेकिन आज तक समाज में उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया. किसी भी पार्टी और किसी सरकार ने भी उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि चाहे खुशी का मौका हो या गम का. चाहे घर में शादी हो, बच्चे का जन्मदिन हो या फिर किसी की मौत हो जाए, पुजारी हमारे साथ हमेशा खड़ा होता है. 

उन्होंने कहा कि पुजारी ने हमारे परंपराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया है. लेकिन इसने कभी अपने परिवार की तरफ ध्यान नहीं दिया और हम लोगों ने भी उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हम मंदिरों में पूजा पाठ करने जाते हैं, लेकिन हमने कभी उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया.