नेशनल फूड सिक्योरिटी ऑफ इंडिया (National Food Security Of India) द्वारा अलग-अलग परिवारों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग तरह के राशन कार्ड जारी किए जाते हैं. ताकि हर वर्ग का व्यक्ति जरूरी खाद्य सामग्री से हासिल कर सके. ये कमोडिटीज जरूरतमंदों को बेहद कम दामों में उपलब्ध करवाई जाती हैं.

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हर परिवार अपने राज्य में राशन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है. इसके द्वारा उन्हें जरूरी खाद्य सामग्री तो मिलती ही है साथ ही कई सरकारी सेवाओं में यह एक जरूरी लीगल डॉक्यूमेंट की तरह भी काम करता है.

कैसे कर सकते हैं अप्लाई ?

राशन कार्ड हासिल करने के लिए आप नजदीकी राशन की दुकान की मदद ले सकते हैं, या फिर आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं. तमिलनाडू राज्य के लोगों को TNEPDS App के जरिए भी यह सुविधा दी जाती है.

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भारत में राशन कार्ड के प्रकार (Ration Card Types In India)

NFSC कार्ड एप्लिकेंट्स को उनकी जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग कार्ड दिए जाते हैं. ध्यान रहे कि इन कार्ड्स पर मिलने वाले बेनेफिट्स भी अलग होते हैं. 

1. ऑल कमोडिटी कार्ड (All Commodity Card)

इन कार्ड्स को आमतौर पर अंत्योदय अन्न योजना (Antyoday Ann Yojana AAY) के नाम से जाना जाता है. यह आमतौर पर हरे और पीले रंग के कार्ड्स होते हैं. यह ऐसे लोगों को दिए जाते हैं जो चावल और बाकि कमोडिटी (जरूरी सामान) का चयन करते हैं. यह कार्ड उन लोगों को दिया जाता है जिनकी किसी तरह की फिक्स्ड इनकम नहीं होती है. यानी कि विकलांग, बुजुर्ग, मजदूर, बेरोजगार.

2. शुगर कार्ड्स (Sugar Cards)

गेरुआ रंग में मिलने वाले यह कार्ड्स को गरीबी रेखा के नीचे वाले कार्ड्स यानी कि Below Poverty Line BPL कहा जाता है. यह ऐसे एप्लिकेंट को दिए जाते हैं जो चावल की जगह शक्कर का ऑप्शन चूज करते हैं. इन शुगर कार्ड्स से व्यक्ति चावल के सिवाय अन्य सभी जरूरी सामान ले सकता है. जो लोग गरीबी रेखा के नीचे आते हैं यह कार्ड उन्हीं को दिया जाता है. इस कार्ड का रंग अलग-अलग स्टेट्स के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. ग्रामीण जगहों की बात करें तो जिन लोगों की इनकम 6,400 रुपए और शहरी क्षेत्रों में जिनकी इनकम 11,850 रुपए होती हैं उन्हें यह कार्ड जारी किया जाता है.

3. नो कमोडिटी कार्ड (No Commodity Cards)

शुगर कार्ड्स जैसे दिखने वाले यह कार्ड्स का रंग सफेद होता है. और यह ऐसे परिवारों को दिए जाते हैं जो कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से किसी तरह की कमोडिटी का लाभ नहीं लेना चाहते हैं. इन्हें अबव पोवर्टी लाइन कार्ड (Above poverty line APL) भी कहा जाता है.  जिन परिवार की सालाना आय 15,000 रुपए से ज्यादा और 1 लाख रुपए से कम है वह इस श्रेणी में आते हैं. जरूरत पड़ने पर सिर्फ चावल, गेहूं और केरोसिन ही प्रोवाइड किया जाता है. 

तमिलनाडू राज्य सरकार स्मार्ट कार्ड्स पर काम कर रही है. यहां पहले राशन कार्ड्स को APL, BPL और AAY में बांटा जाता है. और इसके बाद APL और BPL कार्ड्स को स्मार्ट कार्ड्स जैसे कि PHH और NPHH में बांट दिया जाता है. जहां PHH का मतलब प्रायोरिटी हाउस होल्ड और NPHH मतलब नॉन-प्रायोरिटी हाउसहोल्ड होता है. इन कार्ड्स में दिए जाने वाले राशन का सामान अलग-अलग होता है.