Weather update: पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के विभिन्न इलाकों में हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि (गेहूं, सरसों, चना समेत प्रमुख रबी फसलों के साथ-साथ आलू के लिए आफत बन गई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि ओलावृष्टि होने और तेज हवा चलने से गेहूं की फसल को भारी नुकसान होगा क्योंकि जो फसल खेतों में बिछ जाएगी उसकी पैदावार घट जाएगी. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, पंजाब के कृषि आयुक्त डॉ. बलविंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि शुक्रवार की रात से बारिश जारी है और जगह-जगह ओलावृष्टि भी हुई है. हालांकि इस बारिश से फसलों को कितना नुकसान हुआ है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पंजाब में बारिश से फसल को नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया जा चुका है और इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्य रबी फसल गेहूं है जहां गेहूं का कुल रकबा हर साल करीब 35 लाख हेक्टेयर रहता है और इस बारिश से जहां कहीं भी फसल खेतों में गिरकर बिछ चुकी है वहां काफी नुकसान हो सकता है. डॉ. सिंह ने कहा कि जो फसल खेतों में बिछ जाएगी उसकी कटाई का खर्च बढ़ जाएगा और पैदावार भी प्रभावित होगी, इसलिए इस बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि इस समय बारिश किसी भी रबी फसलों के लिए अच्छी नहीं है, खासतौर से ओलावृष्टि जहां कहीं भी हो रही है वहां सरसों और गेहूं की फसल बर्बाद हो जाएगी.

हरियाणा सरकार के अधिकारी जगराज दांडी ने बताया कि प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल खराब हुई है. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के तौर पर गेहूं की फसल को 10-15 फीसदी का नुकसान हो सकता है लेकिन सही आंकड़ा तभी बताया जा सकता है जब इसकी आकलन रिपोर्ट आएगी. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), करनाल के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का भी यही कहना है कि ओलावृष्टि और तेज हवा से गेहूं की खड़ी फसल जो इस समय खेतों में गिर जाएगी उससे किसानों को नुकसान होगा.

उधर, मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में गेहूं की कटाई फरवरी में ही शुरू हो चुकी है और बाजार में नई फसल की आवक भी होने लगी है. उज्जैन के जींस कारोबारी संदीप सारडा ने बताया कि कुछ दिनों पहले इलाके में हुई बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई क्योंकि कटी हुई फसल पर पानी गिरने से दाना कमजोर हो जाएगा जिससे गेहूं की क्वालिटी प्रभावित होगी. बिहार के कई जिलों में भी शुक्रवार की रात से बारिश हो रही है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि गेहूं की फसल पक चुकी है और इस समय बारिश से फसल खराब हो सकती है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह देशभर में औसत बारिश 14.1 मिलीलीटर हुई है जबकि सामान्य बारिश इस अवधि के दौरान 6.1 मिलीमीटर रहती है. इस प्रकार देशभर में सामान्य से 131 फीसदी अधिक बारिश हुई है. वहीं, पश्चिम-उत्तर भारत में बीते सप्ताह 24.7 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि इस अवधि के दौरान सामान्य बारिश 10.1 फीसदी रहती है. इस प्रकार पश्चिम-उत्तर भारत में सामान्य से 145 फीसदी अधिक बारिश हुई है जबकि मध्य भारत में यह आंकड़ा 305 फीसदी है क्योंकि बीते सप्ताह 8.5 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि सामान्य बारिश इस अवधि में 2.1 मिलीमीटर रहती है.