मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे पहले पानी की समस्या पर फोकस किया है. इस बारे में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने बताया कि सरकार ने भीषण जल संकट का सामना कर रहे क्षेत्रों में समास्या के समाधान के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है और सरकार की कोशिश है कि इन क्षेत्रों में यह योजना एक जन आंदोलन बने. गजेंद्र शेखावत ने जी बिजनेस को बताया, 'केंद्र में ज्वाइंट सेकेट्री और उसके ऊपर के अधिकारियों को चिन्हित किया गया है, केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के इंजीनियर्स और जल विशेषज्ञों की टीम बनाई गई हैं.'

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उन्होंने बताया कि ये टीम जल संकट का सामना कर रहे जिलों में जाएंगी और वहां के स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठकर जरूरी योजनाए बनाएंगी और वहां जल संरक्षण का अभियान जन आंदोलन कैसे बन सकता है, इसके बारे में बात करेंगी. सरकार आने वाले समय में जल संरक्षण की योजनाएं स्थानीय स्तर पर बनाने पर जोर देगी. शेखावत ने बताया, 'भारत विविधताओं वाला देश है. प्रत्येक जगह की अलग जरूरतें और अलग प्राथमिकताएं हैं.'

 

मोदी सरकार 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जन आंदोलन के रूप में इस अभियान को चलाएगी. जल शक्ति अभियान 2 चरणों में होगा. पहला 1 जुलाई से 15 सितंबर तक और दूसरा 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2019 तक. उन्होंने कहा कि इस साल जल संकट का सामना कर रहे सभी जिलों में एक्वीफर मैपिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल से इसी के अनुसार योजना बनाकर काम आगे बढ़ाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पानी का विवेकपूर्ण उपयोग भी जरूरी है और इसके लिए जनता को जागरूक होना होगा. उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक उद्योग का वॉटर ऑडिट होना चाहिए. वह जितना पानी इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें रिसाइकल्ड वाटर कितना इस्तेमाल किया जा सकता है.